सितम्बर 2020 मुहूर्त, जानिये सितम्बर 2020 के मुहूर्त

सितम्बर 2020 मुहूर्त, सितम्बर माह के सभी मुहूर्त, सितम्बर 2020 के ग्रह प्रवेश, भूमि पूजन, सर्वार्थसिद्धि योग, पुष्यामृत योग, द्विपुष्कर व त्रिपुष्कर योग, मुंडन, शुभ विवाह मुहूर्त, जनेऊ यज्ञोपवीत मुहूर्त, वधु प्रवेश मुहूर्त, सगाई मुहूर्त, गौना मुहूर्त, नामकरण व कर्णवेध मुहूर्त, वाहन खरीदने का मुहूर्त, दुकान-ऑफिस-उद्धघाटन-मुहूर्त

गृह प्रवेश मुहूर्त सितम्बर 2020, Griha Pravesh Muhurat September 2020  

नए घर में प्रवेश करने क लिए सही मुहूर्त का होना बहुत जरुरी होता है। इसके लिए सबसे पहले मुहूर्त चक्र का ध्यान रखना होता है। जैसे कौनसे नक्षत्र में गृह प्रवेश करना चाहिए, कौनसी तिथि शुभ होती है, किस महीने में गृह प्रवेश किया जाता है , इन सभी बातो का गहन अध्यन करने के बाद ही मुहूर्त निकाला जाता है। ताकि नए घर में खुशिया, शांति, धनदौलत और बरकद हमेशा बानी रहे। गृह प्रवेश मुहूर्त का अपना मुहूर्त चक्र होता है इसीलिए कभी भी कोई अन्य मुहूर्त या योग को देखकर गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए। सौ में तीस लोग ही उचित मुहूर्त में गृहप्रवेश करते है।

निचे दिए गए मुहूर्त उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखकर निकाले गए है।

  • सितम्बर 2020 में किसी भी दिन का गृह प्रवेश मुहूर्त नहीं है।

जीर्ण गृह प्रवेश सितम्बर 2020, Jirna Griha Pravesh Muhurat September 2020

यदि आप पुराने घर को नए तरीका से बनवाकर उसमें गृह प्रवेश करने जा रहे है तो उसके लिए सही मुहूर्त का होना बहुत जरुरी होता है।

यदि गृह आरम्भ करते समय वास्तु पूजन नहीं किया तो गृह प्रवेश करते समय वास्तु शांति के लिए पूजा जरूर करनी चाहिए और मित्र व परिजनों को भोज देना चाहिए।

  • 2 सितम्बर 2020 बुधवार पूर्णिमा शतभिषा
  • 4 सितम्बर 2020 शुक्रवार द्वितीया उत्तराभाद्रपद
  • 10 सितम्बर 2020 गुरूवार अष्ठमी रोहिणी / मृगशिरा
  • 14 सितम्बर 2020 सोमवार द्वादशी पुष्य

गृह निर्माण मुहूर्त सितम्बर 2020, नींव पूजन मुहूर्त सितम्बर 2020, भूमि पूजन मुहूर्त सितम्बर 2020

गृह निर्माण करना, भूमि पूजन करना या शिला न्यास करना किसी भी मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण काम होता है। जिस स्थान पर आप रहने जा रहे है , उस स्थान का चयन करते वक्त भी सही जानकारी रखना जरुरी होता है। जिस भूमि पर आप मकान बनाने जा रहे है , वह कितनी फलदायी है, यह जानना बहुत जरुरी है।

इन सभी में से सबसे ज्यादा जरुरी ये है जिस स्थान पर आप गृह निर्माण करने जा आरहे है वो उचित मुहूर्त में शुरू हो। ताकि गृह निर्माण बिना किसी रूकावट के हो सके। जब आप उस मकान में रहने जाए, तो परिवार के किसी भी सदस्य को हानि न पहुंचे। और उस मकान में रहने वाले लोगो को हमेशा खुशिया, सफलता और मान सम्मान बना रहे। नए नए मांगलिक कार्य संपन्न हो। नीचे दिए गए मुहूर्त, मुहूर्त चक्र की हिसाब से दिए जा रहे है, आप इन्हे अपनी हिसाब से अपना सकते है।

  • 2 सितम्बर 2020 बुधवार पूर्णिमा शतभिषा
  • 4 सितम्बर 2020 शुक्रवार द्वितीया उत्तराभाद्रपद
  • 10 सितम्बर 2020 गुरूवार अष्टमी रोहिणी
  • 14 सितम्बर सोमवार द्वादशी पुष्य

सर्वार्थसिद्धि योग सितम्बर 2020 

सर्वार्थसिद्धि योग एक अत्यंत ही शुभ योग होता है। जो नक्षत्र, तिथि, वार के संयोग से बनता है। यह योग सभी इच्छाओं और मनोकामना को पूरा करने वाला होता है , ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोई भी कार्य अगर सर्वार्थसिद्धि योग में किया जाये तो कार्य पूर्णरूपेण सफल होता है।

सर्वार्थसिद्धि योग में किसी तरह का करार करना (कॉन्ट्रैक्ट करना ) अच्छा होता है। सर्वार्थसिद्धि योग के प्रभाव से नौकरी परीक्षा, चुनाव, खरीद-बिक्री कार्य में सफलता मिलती है। भूमि खरीदना , रजिस्ट्री करवाना, बयाना देना , महंगे सामान की ख़रीददारी , कपड़े और गहने खरीदना सर्वार्थसिद्धि योग में अत्यंत लाभकारी होता है।

  • 4 सितम्बर 2020 शुक्रवार 23:28 से 29:44 तक
  • 6 सितम्बर 2020 रविवार 5:44 से 29:24 तक
  • 8 सितम्बर 2020 मंगलवार 8:26 से 29:45 तक
  • 9 सितम्बर 2020 बुधवार 5:45 से 29:46 तक
  • 13 सितम्बर 2020 रविवार 16:34 से 29:47 तक
  • 14 सितम्बर 2020 सोमवार 5:47 से 15:29 तक
  • 15 सितम्बर 2020 मंगलवार 5:48 से 14:25 तक
  • 19 सितम्बर 2020 शनिवार 25:21 से 29:49 तक
  • 21 सितम्बर 2020 सोमवार 20:49 से 29:50 तक
  • 26 सितम्बर 2020 शनिवार 19:26 से 29:52 तक

अमृतसिद्धि योग सितम्बर 2020

अमृतसिद्धि योग एक अत्यंत शुभकारी योग है। यह योग वार और नक्षत्र के संयोग से बनता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह योग बहुत फलदायी माना गया है। कोई भी कार्य इस योग में प्रारम्भ करने पर जरूर सफल होता है , इसीलिए सभी मांगलिक कार्यो के लिए इस योग को महत्वपूर्ण माना गया है।

अमृतसिद्धि योग में कोई भी कार्य प्रारम्भ करना अत्यंत फलदायी होता है जैसे की व्यापार शुरू करना, जमीन खरीदना, नौकरी के लिए आवेदन देना, यात्रा करना, सोना-चांदी खरीदना।

  • 4 सितम्बर 2020 शुक्रवार 23:28 से 29:44 तक

पुष्यामृत योग सितम्बर 2020

जिस तरह सिंह को सबसे ताकतवर माना जाता है ठीक उसी प्रकार सभी नक्षत्रो को पुष्य नक्षत्र को सबसे बलवान माना जाता है। यही पुष्यामृत योग जब गुरूवार के दिन पड़ता है तो वह अत्यंत ही फलदायी योग होता है। ज्योतिषी शास्त्र के अनुसार यह योग बहुत ही शुभ माना गया है। जब कभी भी किसी शुभ कार्य के लिए कोई मुहूर्त नहीं मिल रहा हो तो इस योग में कोई भी कार्य किया जा सकता है।

पुष्यामृत योग जब गुरूवार को पड़ता है तो उसे गुरु पुष्यामृत योग भी कहते है। इस योग में कोई भी मांगलिक कार्य, या कोई पहले से रुका हुआ कार्य, यात्रा, स्वर्ण खरीदना, जमीन खरीदना स्थायी रूप से फल देने वाला बताया गया है।

  • 13 सितम्बर 2020 रविवार 16:34 से 29:47 तक
  • 14 सितम्बर 2020 सोमवार 5:49 से 15:52 तक

द्विपुष्कर और त्रिपुष्कर योग सितम्बर 2020 

द्विपुष्कर और त्रिपुष्कर योग विशेष कार्य या बहुमूल्य वस्तुए जैसे जमीन, हीरे, जवाहरात, कार, ट्रक, ट्रैक्टर, टेलीविज़न, आभूषण, घोडा, गाय, भैंस आदि खरीदने के लिए महत्वपूर्ण होता है। यदि कोई वस्तु द्विपुष्कर योग में खरीदी जाये तो वह निकट भविष्य में दुगनी, त्रिपुष्कर योग में खरीदी जाये तो तिगुनी हो जाती है। अतः इन योगों में बहुमूल्य वस्तुए खरीदी जाती है व बैंक में पैसे जमा करवाए जाते है।

द्विपुष्कर और त्रिपुष्कर योग में मुकदमा दायर करना तथा दवा खरीदना अच्छा नहीं माना जाता है। इन योगों में अपनी कोई बहुमूल्य वस्तु बेचना भी वर्जित है।

  • 8 सितम्बर 2020 त्रिपुष्कर मंगलवार 24:03 से सूर्योदय तक
  • 19 सितम्बर 2020 द्विपुष्कर शनिवार सूर्योदय से 9:11तक
  • 27 सितम्बर 2020 द्विपुष्कर रविवार 20:50 से सूर्योदय तक

शुभ विवाह मुहूर्त सितम्बर 2020 – शादी व विवाह मुहूर्त सितम्बर 2020 

हिन्दू परम्पराओं में मानव के गर्भ में जाने से लेकर मृत्यु तक सोलह संस्कार किये जाते हैं। जिनमे हर संस्कार का अपना महत्व होता है। विवाह संस्कार भी इन्ही सोलह संस्कारों में से एक है, जो पन्द्रहवां संस्कार है। स्त्री-पुरुष के जीवन में यह संस्कार बहुत महत्वपूर्ण होता है।

तो आइये जानते है सितम्बर 2020 में कब कब है विवाह का शुभ मुहूर्त

  • सितम्बर 2020 में कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं है।

मुंडन मुहूर्त सितम्बर 2020

हिन्दू धर्म में जातक के गर्भ में आने से लेकर मृत्यु तक 16 संस्कार किये जाते हैं। मुंडन संस्कार भी इन्ही संस्कारों में से एक है। मुंडन शिशु के जन्म के कुछ साल बाद किया जाता है। कई लोग बच्चे का मुंडन मन्नत के अनुसार कराते हैं। हिन्दू रीती-रिवाजों के अनुसार जब पहली बार मुंडन किया जाता है जो मुंडन पुरे विधि-विधान से होना चाहिए। और इसे करवाने का भी एक शुभ मुहूर्त होता है। शास्त्रों के अनुसार, अन्य संस्कारों की भांति मुंडन संस्कार भी शुभ मुहूर्त में किया जाना आवश्यक होता है।

अलग-अलग क्षेत्रों में मुंडन को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। मुंडन को चौल मुंडन, चौल केशान्त मुंडन, चूड़ाकरण संस्कार, चौलमुंडन भी कहा जाता है। मुस्लिमों में इसे अक़ीक़ा के नाम से जाना जाता है।

  • सितम्बर 2020 में मुंडन मुहूर्त नहीं है।

जनेऊ यज्ञोपवीत मुहूर्त सितम्बर 2020, Janeu Yagyopavit Muhurat September 2020

हिन्दू धर्म में सोलह संस्कारों को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यज्ञोपवीत जनेऊ इन्ही संस्कारों में दसवां संस्कार है। जो कर्णभेद संस्कार के बाद किया जाता है। यज्ञोपवीत संस्कार को उपनयन संस्कार भी कहा जाता है। पुरुष के जीवन में इस संस्कार का बहुत महत्व होता है। इस संस्कार में बालक को जनेऊ पहनाया जाता है और इसी दिन से उसका विद्यारंभ होता है। जनेऊ संस्कार का अर्थ होता है की शिशु अब विद्या प्राप्त करने के योग्य हो गया है।

  • सितम्बर 2020 में कोई भी जनेऊ मुहूर्त नहीं है।

वधु प्रवेश मुहूर्त सितम्बर 2020 , Vadhu Pravesh Muhurat September 2020

विवाह करके जब दूल्हा दुल्हन को घर लेकर आता है तब वधू प्रवेश कराया जाता है। सामान्यतः वधू प्रवेश कराते समय मुहूर्त वगैरह का ध्यान नहीं रखा जाता लेकिन कुछ समाज में वधू प्रवेश भी मुहूर्त देखकर कराया जाता है। विवाह किसी भी लड़की के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। विवाह के बाद लड़की की पूरी जिदंगी बदल जाती है। नए लोग, नए संस्कार, नए विचार, इन सब के बीच लड़की हमेशा खुश रहे और आने वाला समय उसकी जिंदगी में खुशियां भर दे। इसके लिए नई वधू का गृह प्रवेश शुभ मुहूर्त में किया जाना जरुरी होता है।

  • सितम्बर 2020 में किसी भी दिन वधु प्रवेश मुहूर्त नहीं है।

सगाई मुहूर्त सितम्बर 2020, Tilak Shagun Sagai Muhurat September 2020

हिन्दू धर्म के अनुसार, विवाह से पूर्व कुछ रस्म की जाती हैं। इनमे तिलक, हल्दी, मेहंदी, संगीत आदि शामिल है। बाकी सभी रस्में शादी का लग्न तय करने के बाद की जाती हैं लेकिन इनमे से तिलक, शगुन या वर छेकाई शादी का मुहूर्त तय होने से पहले की जाती है। इस दिन वर पक्ष कन्या के यहाँ जाकर शादी की तारीख निर्धारित करते हैं। उस दिन की जाने वाली रस्मों में से एक है शगुन तिलक।

इस रस्म को अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह से किया जाता है। पर मुहूर्त लगभग एक जैसा ही होता है। तिलक को लोग रोका, सगाई, शगुन, गोद भराई, छेकइया भी कहते हैं। यहाँ हम सितम्बर 2020 में तिलक शगुन मुहूर्त दे रहे हैं।

  • सितम्बर 2020 में सगाई मुहूर्त नहीं है।

गौना मुहूर्त, द्विरागमन मुहूर्त सितम्बर 2020, Second Time Entry of Bride in September 2020 

विवाह व्यक्ति के जीवन का सबसे खास पल होता है। इस दौरान बहुत तरह के रीती-रिवाज किये जाते हैं। कुछ शादी के बाद और कुछ शादी से पहले। अलग-अलग क्षेत्रों के अलग-अलग रिवाज होते हैं। द्विरागमन भी उन्ही रस्मों में से एक है। द्विरागमन का अर्थ है विदाई। विवाह के बाद लड़की को ससुराल भेजने को द्विरागमन कहा जाता है।

पुराने समय में शादी के तुरंत बाद लड़की को ससुराल विदा नहीं किया जाता था बल्कि विवाह के आठ दिन बाद विदाई की जाती थी। विदाई के बाद लड़की एक नए जीवन में प्रवेश करती है इसीलिए विदाई के समय शुभ मुहूर्त देखा जाता है। माना जाता है, शुभ मुहूर्त में विदाई करने से लड़की का आने वाला जीवन सुख शांति से बीतता है और दाम्पत्य जीवन भी सुखद रहता है। यहाँ हम सितम्बर 2020 में द्विरागमन मुहूर्त दे रहे हैं। आप इनमे से मुहूर्त चयन करके वधू का द्विरागमन करवा सकते हैं।

  • सितम्बर 2020 में किसी भी दिन द्विरागमन मुहूर्त नहीं है।

नामकरण मुहूर्त सितम्बर 2020 (Naamkaran Muhurat September 2020)

हम सभी जानते है हिन्दू धर्म के अनुसार 16 संस्कार होते है। नामकरण संस्कार, इन्ही सोलह संस्कारो में से एक है। हिन्दू धर्म में नामकरण संस्कार का विशेष महत्व है। जब शिशु जन्म लेता है तो उसके दसवे या ग्यारवे दिन नामकरण संस्कार किया जाता है।

पंडित को घर पर बुलवाकर ग्रह दशा, तिथि, राशि व नक्षत्र देख कर नामकरण संस्कार करवाना चाहिए। इन सभी चीजों का ध्यान रखकर नामकरण करवाने से बच्चे के ग्रह शांत रहते है। सही विधि और सही मुहूर्त पर नामकरण करवाने से शिशु के जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर होते है। सितम्बर 2020 में आने वाले विभिन्न नामकरण मुहूर्त ऊप्पर दिए गए है।

  • 2 सितम्बर 2020 बुधवार पूर्णिमा शतभिषा
  • 4 सितम्बर 2020 शुक्रवार द्वितीया उत्तराभाद्रपद
  • 9 सितम्बर 2020 बुधवार सप्तमी कृतिका
  • 14 सितम्बर 2020 सोमवार द्वादशी पुष्य
  • 18 सितम्बर 2020 शुक्रवार प्रतिपदा हस्त
  • 25 सितम्बर 2020 शुक्रवार नवमी उत्तराषाढ़ा
  • 28 सितम्बर सोमवार द्वादशी घनिष्ठा

कर्णवेध मुहूर्त सितम्बर 2020, Karnvedha September 2020

हिन्दू धर्म के अनुसार, व्यक्ति के जीवन काल में सोलह संस्कार किये जाते हैं। उन सोलह संस्कारों में से कर्णवेध नौवां संस्कार है। जिसे शिशु की श्रवण शक्ति को बढ़ाने, कान में आभूषण पहनाने और स्वास्थ्य को सही रखने के लिए किया जाता है। कन्यायों के लिए कर्णवेध संस्कार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस संस्कार में शिशु के दोनों कानों में छेद किये जाए हैं और उसमे स्वर्ण के कुंडल पहनाएं जाते हैं। माना जाता है ऐसा करने से शारीरिक लाभ होता है।

कर्णवेध संस्कार जनेऊ से पूर्व ही करना आवश्यक होता है। इस संस्कार को 6 माह से लेकर 16 वे माह तक या 3, 5 आदि विषम वर्षों में किया जाना चाहिए। माना जाता है, सूर्य की किरणों कानों के छिद्र से प्रवेश कर शिशु को तेजस्वी बनाती हैं। शास्त्रों के अनुसार कर्णवेध रहित पुरुष को श्राद्ध का अधिकारी नहीं माना जाता है। मानव जीवन में इस संस्कार को महत्वपूर्ण माना जाता है इसलिए कर्णवेध करने से पूर्व शुभ मुहूर्त पर विचार किया जाता है। शुभ समय में, पवित्र स्थान पर बैठकर देवताओं का पूजन करने के बाद सूर्य की रौशनी में शिशु के कान छेदे जाते हैं।

यहाँ हम सितम्बर 2020 में कर्णवेध संस्कार का शुभ मुहूर्त दे रहे हैं। आप नीचे दिए गए मुहूर्त में से चुनकर अपने शिशु के कर्णवेधन का शुभ मुहूर्त निकाल सकते हैं।

  • सितम्बर 2020 में कर्णवेध मुहूर्त नहीं है।

कार, स्कूटी, बाइक, ट्रक या अन्य वाहन मुहूर्त सितम्बर 2020 की शुभ तिथियां

नया वाहन खरीदते समय मुहूर्त निकलवाना बहुत जरुरी होता है। बिना मुहूर्त देखे किसी भी दिन गाड़ी या वाहन खरीदने से उसके मालिक या उससे जुड़े लोगों को हानि होने की संभावना बनी रहती है। अशुभ मुहूर्त में गाड़ी खरीदने से नुकसान की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं इसलिए हमेशा शुभ मुहूर्त में ही नया वाहन खरीदें।

वाहन किस दिन नहीं खरीदें?
राहु काल में कार, बाइक या अन्य वाहन और मकान, आभूषण आदि भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए। इस अवधि में वाहन की खरीदी और बिक्री दोनों से बचना चाहिए।
पंचक के दौरान भी नया वाहन नहीं खरीदना चाहिए।
शनिवार के दिन भूलकर भी नया वाहन नहीं खरीदना चाहिए।

सितम्बर 2020 में वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त, नयी कार, स्कूटी, बाइक खरीदने का शुभ दिन।

  • 8 सितम्बर 2020 त्रिपुष्कर मंगलवार 24:03 से सूर्योदय तक
  • 19 सितम्बर 2020 द्विपुष्कर शनिवार सूर्योदय से 9:11तक
  • 27 सितम्बर 2020 द्विपुष्कर रविवार 20:50 से सूर्योदय तक

दुकान-ऑफिस-उद्धघाटन-मुहूर्त सितम्बर 2020

कोई भी नया व्यवसाय शुरू सही मुहूर्त देख कर शुरू करने से भविष्य में होने वाले लाभ को बढ़ाता है। तो आईये जानते है सितम्बर  2020 में कब करे दुकान या ऑफिस उद्धघाटन।

  • 4 सितम्बर 2020 शुक्रवार द्वितीया उत्तराभाद्रपद
  • 9 सितम्बर 2020 बुधवार सप्तमी रोहिणी
  • 10 सितम्बर 2020 गुरूवार अष्ठमी रोहिणी
  • 14 सितम्बर 2020 सोमवार द्वादशी पुष्य
  • 17 सितम्बर 2020 गुरूवार अमावस्या उत्तराफ़ाल्गुनी
  • 18 सितम्बर 2020 शुक्रवार प्रतिपदा हस्त
  • 19 सितम्बर 2020 शनिवार द्वितीया चित्रा
  • 26 सितम्बर 2020 शनिवार दशमी उत्तराषाढ़ा

भूमि खरीदना , रजिस्ट्री मुहूर्त सितम्बर 2020, बयाना मुहूर्त सितम्बर 2020  

भूमि खरीदना , रजिस्ट्री करवाना, बयाना देना ऐसे सभी महत्वपूर्ण कार्य मुहूर्त देखकर ही करने चाहिए, यदि अशुभ समय में भूमि खरीदी जाए तो भविष्य में वह हानि पहुँचा सकती है। यदि हम इन कार्यो को सही मुहूर्त में करेंगे तो हमें लाभदायक रहता है।

तो आइये जानते है सितम्बर 2020 में कौन कौन से मुहूर्त में रजिस्ट्री या बयाना करवाया जा सकता है।

  • 4 सितम्बर 2020 शुक्रवार 23:28 से 29:44 तक
  • 6 सितम्बर 2020 रविवार 5:44 से 29:24 तक
  • 8 सितम्बर 2020 मंगलवार 8:26 से 29:45 तक
  • 9 सितम्बर 2020 बुधवार 5:45 से 29:46 तक
  • 13 सितम्बर 2020 रविवार 16:34 से 29:47 तक
  • 14 सितम्बर 2020 सोमवार 5:47 से 15:29 तक
  • 15 सितम्बर 2020 मंगलवार 5:48 से 14:25 तक
  • 19 सितम्बर 2020 शनिवार 25:21 से 29:49 तक
  • 21 सितम्बर 2020 सोमवार 20:49 से 29:50 तक
  • 26 सितम्बर 2020 शनिवार 19:26 से 29:52 तक

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