गृह प्रवेश मुहूर्त

गृह प्रवेश मुहूर्त 2021 – Griha Pravesh Dates in 2021

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गृह प्रवेश 2021 का मुहूर्त हमेशा गृह स्वामी के नाम व् जन्मतिथि के अनुसार निकाला जाता है। ताकि घर में खुशियां रहे, गृह स्वामी पर कोई कष्ट नहीं आये, नए घर में बरकत हो। अगर आप भी गृह प्रवेश पूजा के लिए शुभ मुहूर्त निकलवाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए PAY NOW पर क्लिक कर अपने लिए शुभ मुहुर्त लें सकते हैं। सहयोग करने के लिए कृपया ₹251 का डोनेशन करें। मुहूर्त जल्द ही आपके ईमेल पर भेजा जाएगा। 

Auspecious House Warming muhurat in 2021 – शुभ मुहूर्त की तिथियां नए घर में प्रवेश करने के लिए

शुभ तिथि डॉट कॉम आपको बधाई देता है, आपके नव गृह में प्रवेश के लिए। आपके लिए हिन्दू पंचांग के अनुसार (Griha Prvesh as per Hindu Panchang for 2021 Dates) वो सभी तिथियां बता रहे हैं जो नव गृह के लिए शुभ है।

आपको मुहूर्त से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना है जैसे की आप पुराने मकान को फिर से बना कर गृह प्रवेश कर रहे हैं या नए प्लाट पर बना कर या नया मकान – फ्लैट खरीद कर गृह प्रवेश कर रहे हैं। दोनों मुहूर्त में फर्क होता है। पुराने मकान के जगह पर नया मकान या फिर से बदलाव कर रहे हैं उन्हें जीर्ण गृह प्रवेश (Jirna Griha Prvesh) कहते हैं। नए प्लाट पर बनाकर या नया मकान या फ्लैट ख़रीदे हैं, तो उन्हें गृह प्रवेश (New House Warming) कहते हैं।

नए घर में जाने से पहले आपको एक शुभ मुहूर्त जो आपके अनुसार होने चाहिए। यानी आपके नाम राशि के अनुसार। क्यों की हरेक इंसान के लिए अलग अलग मुहूर्त होता है। ऐसा नहीं है एक मुहूर्त हरेक व्यक्ति के लिए शुभ है।

उसके बाद मुहूर्त का अपना चक्र होता है। कभी भी मुहूर्त नहीं किया जाता है। 95 प्रतिशत लोग वैसे तिथि में मुहूर्त करते हैं जो सही में मुहूर्त नहीं होता है। या तो वो किसी योग में कर लेते है या कोई अच्छा दिन देखकर। पर अगर आप सही मुहूर्त (As per Muhurth chakr of Griaha Pravesh Tithi) में गृह प्रवेश करते है तो आपको खुशियां, सफलता, रोग मुक्त, भय मुक्त, शांति और बरकत मिलती है। आपके परिवार में खुशियां आती है। अगली पीढ़ी के लिए शुभ होता है।

अगर आप चाहते है आपके लिए मुहूर्त निकाल कर भेजें (Online Muhurat) जो आपके नाम के अनुसार, राशि के अनुसार और मुहूर्त चक्र के अनुसार गृह प्रवेश हो तो कृपया फॉर्म भरें। 24 घंटे के अंदर मुहूर्त भेजा जायेगा।

2021 के लिए गृह प्रवेश मुहूर्त की तिथियां

April 2021 Griha Pravesh Muhurat Date

29 अप्रैल 2021 गुरुवार तृतीया तिथि, कृष्ण पक्ष, वैशाख अनुराधा

May 2021 Griha Pravesh Muhurat Date

3 मई 2021 सोमवार सप्तमी तिथि, कृष्ण पक्ष, वैशाख उत्तरषाढा
8 मई 2021 शनिवार द्वादशी तिथि, कृष्ण पक्ष, वैशाख उत्तरभाद्रपद
13 मई 2021 गुरुवार द्वितीया तिथि, शुक्ल पक्ष, वैशाख रोहिणी
15 मई 2021 शनिवार तृतीया तिथि, शुक्ल पक्ष, वैशाख मृगशिरा
22 मई 2021 शनिवार दशमी तिथि, शुक्ल पक्ष, वैशाख उत्तराफाल्गुनी
26 मई 2021 बुधवार पूर्णिमा तिथि, शुक्ल पक्ष, वैशाख अनुराधा

June 2021 Griha Pravesh Muhurat Date

2 जून 2021 बुधवार अष्टमी तिथि, कृष्ण पक्ष, ज्येष्ठ शतभिषा
4 जून 2021 शुक्रवार दशमी तिथि, कृष्ण पक्ष, ज्येष्ठ उत्तरभाद्रपद
5 जून 2021 शनिवार एकादशी तिथि, कृष्ण पक्ष, ज्येष्ठ रेवती
11 जून 2021 शुक्रवार प्रतिपदा तिथि, शुक्ल पक्ष, ज्येष्ठ मृगशिरा
26 जून 2021 शनिवार द्वितीया तिथि, कृष्ण पक्ष, आषाढ़ उत्तरषाढा

July 2021 Griha Pravesh Muhurat Date

1 जुलाई 2021 गुरुवार सप्तमी तिथि, कृष्ण पक्ष, आषाढ़ उत्तरभाद्रपद
2 जुलाई 2021 शुक्रवार अष्टमी तिथि, कृष्ण पक्ष, आषाढ़ रेवती
7 जुलाई 2021 बुधवार त्रयोदशी तिथि, कृष्ण पक्ष, आषाढ़ रोहिणी
14 जुलाई 2021  गुरुवार पंचमी तिथि, शुक्ल पक्ष, आषाढ़ उत्तराफाल्गुनी

गृह प्रवेश 2021 का मुहूर्त हमेशा गृह स्वामी के नाम व् जन्मतिथि के अनुसार निकाला जाता है। ताकि घर में खुशियां रहे, गृह स्वामी पर कोई कष्ट नहीं आये, नए घर में बरकत हो। अगर आप भी गृह प्रवेश पूजा के लिए शुभ मुहूर्त निकलवाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए PAY NOW पर क्लिक कर अपने लिए शुभ मुहुर्त लें सकते हैं। सहयोग करने के लिए कृपया ₹251 का डोनेशन करें। मुहूर्त जल्द ही आपके ईमेल पर भेजा जाएगा। 

ऑनलाइन गृह प्रवेश के लिए डोनेट करें 251

WhatsApp Number : – 09599 – 2484 – 66. Email : shubhtithi.com @ gmail.com

Muhruat, Panchang, ShubhTithi

घर में खुशियां और धन दौलत बनी रहे इसके लिए कौन-कौन सा व्रत करना चाहिए

घर का हर सदस्य चाहे छोटा हो या बड़ा हमेशा यही चाहता है की उनके परिवार में सदा खुशियां बनी रहें, सुख समृद्धि का वास हो, धन दौलत की कमी न हो। और इसके लिए रोजाना अपने घर में वो पूजा अर्चना भी करते हैं। साथ ही कुछ लोग लक्ष्मी की कृपा सदा उन पर बनी रहे और उनके परिवार में खुशियों की हमेशा बौछार होती रहे इसके लिए व्रत भी करते हैं। तो आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे व्रत के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे रखने से घर में खुशियों और धन दौलत की कमी नहीं होती है।

शुक्रवार का व्रत

शुक्रवार का व्रत माँ लक्ष्मी के लिए रखा जाता है और यदि इस व्रत को पूरे श्रद्धा भाव से रखा जाये पूरे विधि विधान से पूजना व् उद्यापन किया जाये। तो इस व्रत को रखने से आपके मन की इच्छाएं पूर्ण होती है और आपके घर में हमेशा लक्ष्मी का वास रहता है। साथ ही घर में हमेशा खुशियां भी बरकरार रहती है।

वीरवार का व्रत

वीरवार का व्रत भी भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी के लिए ही रखा जाता है। ऐसे में यदि आप चाहते हैं की आपके घर में लक्ष्मी का वास हो और घर में हमेशा खुशियां बरकरार रहें। तो वीरवार का व्रत रखने से भवान विष्णु और माँ लक्ष्मी आपके मन की इच्छा को पूरी करते हैं। लेकिन ध्यान रखें की व्रत के फल के लिए पूरे श्रद्धा भाव से इस व्रत को करना चाहिए।

रविवार का व्रत

रविवार का व्रत सूर्य भगवान के लिए किया जाता है और सूर्य भगवान का व्रत करने से सूर्य देव के साथ शनि देव भी प्रसन्न रहते हैं। माना जाता है रविवार का व्रत करने से आपको काम में तरक्की मिलती है, आपका कारोबार बढ़ता है, घर में सुख शांति बनी रहती है। ऐसे में आप भी घर में खुशियां और धन दौलत बनी रहे इसके लिए रविवार का व्रत कर सकते हैं।

दीपावली के दिन करें व्रत

दीपावली के दिन लक्ष्मी माता की पूजा हर घर में की जाती है ताकि लक्ष्मी माता की कृपा सदा आपके परिवार पर बनी रहे। ऐसे में यदि आप दीपावली के दिन उपवास रखते हैं तो इस दिन उपवास रखने का बहुत अधिक महत्व होता है। और यदि आप यह उपवास रखते हैं तो इस व्रत को करने से घर में सुख शांति, धन दौलत हमेशा बनी रहती है क्योंकि माँ लक्ष्मी आपके घर में निवास करती है।

तो यह हैं कुछ व्रत जिन्हे करने से घर में खुशहाली व् धन दौलत हमेशा बनी रहती है। यदि आप भी चाहते हैं की आपके घर में हमेशा धन दौलत और खुशहाली रहे तो आप भी इन व्रत को कर सकते हैं।

Which fast should be done to keep Happiness and Wealth in the house

Shradh-2020

श्राद्ध 2020 कब हैं?

Shradh 2020, हिन्दू धर्म में श्राद्ध यानी पितृ पक्ष को बहुत ही मत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। ऐसा माना जाता है की इस दौरान हमारे पूर्वज धरती पर होते हैं और यदि हम श्राद्ध को पूरे भाव करते हैं तो हमे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही ऐसा भी माना जाता है की यदि कोई व्यक्ति अपने अपने पितरों का पूर्वजों का विधिपूर्वक श्राद्ध व् तर्पण नहीं करते हैं।

तो उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती है और वो इसी लोक में भटकते रहते हैं। इसीलिए अपने पूर्वजों की शांति के लिए श्राद्ध करना बहुत जरुरी माना जाता है। हमारे देश में बुजुर्गों को भगवान के बराबर का स्थान दिया जाता है इसीलिए उनके मरने के बाद भी उनका श्राद्ध कर्म किया जाता है।

इसके अलावा पितृ दोष कुंडली के भी सबसे जटिल दोषों में एक माना जाता है। इसीलिए ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार देवताओं को खुश करने, उनकी आराधना करने, उन्हें प्रसन्न करने से पहले मनुष्य को अपने पितरों यानि पूर्वजों को प्रसन्न करना चाहिए। ताकि उन्हें जटिल दोषों से बचे रहने में मदद मिल सके।

हर वर्ष पितृ पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक होते हैं। इन दिनों में दान धर्म करने का, पंडितों को भोजन कराने, गरीबों की मदद करने का बहुत महत्व होता है। तो आइये अब जानते हैं की 2020 में श्राद्ध कब से कब तक हैं और श्राद्ध करने की क्या विधि होती है।

किस दिन करना चाहिए पूर्वजों का श्राद्ध?

वैसे तो हर महीने अमावस्या आती है और प्रत्येक मास की अमावस्या को पितरों की शांति श्राद्ध कर्म या पिंड दान किए जा सकते हैं लेकिन पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का महत्व सबसे अधिक माना जाता है। पितृ पक्ष में आप किस दिन पूर्वज़ों का श्राद्ध करें इसके लिये जिस दिन आपके पूर्वज़, पितर या परिवार के मृत सदस्य के मृत्यु की तिथि याद हो तो पितृपक्ष में पड़ने वाली उसी तिथि को ही उनका श्राद्ध करना चाहिए।

लेकिन यदि आपको तिथि याद न हो तो आश्विन मास की अमावस्या को श्राद्ध किया जा सकता है इसीलिए इसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है। साथ ही समय से पहले यानि यदि किसी की किसी दुर्घटना या सुसाइड आदि से अकाल मृत्यु हुई हो तो उनका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। इसके अलावा पिता के श्राद्ध के लिए अष्टमी तो माता के श्राद्ध के लिए नवमी की तिथि को सबसे उपयुक्त माना जाता है।

श्राद्ध करने की विधि

  • श्राद्ध कर्म के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़ स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • उसके बाद बाद अपने पितरों का पसंदीदा भोजन बनाएं।
  • फिर अपने भांजे, ब्राह्मण, को भोजन कराकर उन्हें वस्त्र और दक्षिणा दें।
  • साथ ही कौवों को भी भोजन जरूर करवाएं, क्योंकि पितृ पक्ष में कौवों को पितृ का रूप माना जाता है।

पितृ पक्ष 2020 (Shradh 2020) तिथि प्रारंभ

2020 में पितृ पक्ष प्रारंभ तिथि: 1 सितंबर 2020 (पूर्णिमा श्राद्ध) से लेकर

पितृ पक्ष समाप्ति तिथि:17 सितंबर 2020 (सर्वपितृ अमावस्या) तक

तो यह है श्राद्ध 2020 से जुडी सम्पूर्ण जाकारी, अब आप जिस दिन अपने पितरो का श्राद्ध करते हैं उस दिन पूरे श्रद्धा से दान करें ताकि आपके पूर्वजों का आशीर्वाद हमेशा आप पर बना रहें।

Shradh 2020, Pitru Paksha 2020

Diwali-2020

दीपावली 2020 कब है? शुभ मुहूर्त

Diwali 2020, हिन्दू धर्म में त्यौहारों को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। और हर एक त्यौहार की एक अलग ही धूम, एक अलग ही मज़ा, एक अलग की महत्व होता है। साथ ही हर एक त्यौहार के साथ कोई न कोई पुरानी कहानी या इतिहास भी जुड़ा होता है। ऐसे ही दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है।

लोग अपने घर, दूकान आदि में लक्ष्मी पूजा जरूर करते हैं। और साल भर में आने वाले त्यौहारों में दीपावली को सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। क्योंकि यह लगातार पांच दिनों तक चलता है। धनतेरस, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाईदूज यह त्यौहार लगातार आते हैं। और हर एक दिन चारों और खूब धूम देखने को मिलती है।

दीपावली का त्यौहार अन्धकार पर प्रकाश की विजय, झूठ पर सत्य की विजय, बुराई पर अच्छाई की वजह का प्रतिक माना जाता है। दीपावली के आने से बहुत दिनों पहले ही बाज़ारों की रौनक बढ़ जाती है। 2020 में भी दीपावली आने में कुछ ही समय रह गया है। तो आइये अब जानते हैं की २०२० में दीपावली कब है और लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त कौन सा है।

कब मनाई जाती है दीवाली ?

दीपावली का त्यौहार रौशनी का प्रतिक होता है और यह हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस त्यौहार पर सभी लोग अपने घरों में दिए जलाकर प्रकाश को फैलातें हैं। और दीयों की रौशनी से सभी जगह जगमगा उठती है।

क्यों मनाई जाती है दीपावली ?

श्री रामचंद्र जी सीता माता को रावण से छुड़ाकर और अपना वनवास पूरा करके जब अयोध्या लौटें थे। तब अच्छाई की बुराई पर जीत और रामचंद्र के अयोध्या वापिस आगमन पर अयोध्या वासियों ने दीयों की रौशनी से अयोध्या की चकाचौंध को बढ़ा दिया था। इसीलिए दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।

2020 में दीपावली कब है? पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali 2020 Lakshmi puja Shubh Muhurat)

दीपावली 2020 में 14 नवंबर दिन शनिवार को है।

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम को 5 बजकर 28 मिनट से लेकर 7 बजकर 23 मिनट तक है (17:28 से 19:23)

कुल शुभ मुहूर्त अवधि :2 घंटे 5 मिनट

प्रदोष काल: 17:23 से 20:04

वृषभ काल: 17:28 से 19:23

अमावस्या तिथि आरंभ: 14:17 (14 नवंबर) से लेकर

अमावस्या तिथि समाप्त: 10:36 (15 नवंबर) तक

तो यह है दीपावली 2020 से जुडी सम्पूर्ण जानकारी, की 2020 में दीपवकी कब है, क्यों मनाई जाती है और किस समय लक्ष्मी पूजा करने का सबसे शुभ मुहूर्त है।

Diwali 2020, Lakshmi puja Shubh Muhurat

Fast for unmarried girls

कुंवारी लड़कियों को कौन-कौन से व्रत करने चाहिए

Fast for unmarried girls, शादी के बाद से ही लडकियां व्रत करना शुरू नहीं करती है बल्कि शादी से पहले भी लडकियां व्रत कर सकती है। यह व्रत कुँवारी लडकियां अपनी किसी भी मनोइच्छा को लेकर कर सकती है। जैसे की वो पढाई में अच्छी रहें, जिंदगी में उन्हें कामयाबी हासिल हो या फिर जिन कुँवारी लड़कियों की शादी में परेशानियां आ रही होती है वो शादी की इच्छा को लेकर व्रत करती हैं। ऐसा नहीं है की कुंवारी लड़कियों के लिए व्रत रखने का कोई अलग से नियम है। बस जो सुहागन स्त्रियों के लिए व्रत होते हैं उनमे थोड़ा से अलग नियम हो सकते हैं। तो आइये अब जानते हैं की कुँवारी लडकियां कौन कौन से व्रत रखती है।

कुंवारी लड़कियों के लिए व्रत सोमवार का व्रत (Monday Fast)

सोमवार का व्रत भोलेबाबा और माँ पार्वती के लिए होता है यदि कोई लड़की किसी भी कामना को लेकर इस व्रत को रखती है तो ऐसा माना जाता है की भोलेबाबा उनके मन की इच्छा को जरूर पूर्ण करते हैं। खासकर जो कुँवारी लडकियां मनचाहा वर पाने की इच्छा रखती है उन्हें सोमवार का व्रत रखने की सलाह दी जाती है।

शुक्रवार का व्रत (Friday Fast)

कुँवारी लडकियां शुक्रवार का व्रत भी रख सकती हैं इस व्रत को माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। इस व्रत को भी अपनी किसी भी मन की इच्छा को लेकर लडकियां रख सकती है। पूरे श्रद्धा भाव से व्रत रखने पर माँ लक्ष्मी मन की इच्छा जरूर पूरी करती है।

वीरवार का व्रत (Thursday Fast)

वीरवार का व्रत माँ लक्ष्मी और विष्णु भगवान के लिए रखा जाता है। यह व्रत भी कुँवारी लड़कियों के लिए बहुत उत्तम माना जाता है। खासकर जिन लड़कियों की शादी में अड़चन आ रही हो तो ऐसा माना जाता है की इस व्रत को रखने से शादी के मार्ग में आ रही रुकावटों को दूर करने में मदद मिलती है।

Fast for unmarried girls करवा चौथ का व्रत (Karva chauth)

जरुरी नहीं है की करवाचौथ का व्रत केवल शादीशुदा महिलाएं ही रख सकती है। बल्कि यह व्रत कुँवारी लडकियां भी रख सकती है। ऐसा माना जाता है की शादी से पहले करवाचौथ का व्रत रखने से लड़कियों को उनका मनचाहा वर पाने में मदद मिलती है।

हरतालिका तीज (Hartalika Teej)

हरतालिका तीज का व्रत भी पति की लम्बी उम्र के लिए सुहागन महिलाएं रखती है। और सुहागन महिलाओं के साथ कुँवारी लडकियां भी इस व्रत को कर सकती हैं। यह व्रत लडकियां अपने मनचाहे वर पाने की इच्छा को लेकर रख सकती हैं।

नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat)

नवरात्रि का व्रत कोई भी महिला, पुरुष, बच्चा, बुजुर्ग कर सकता है क्योंकि इसमें किसी तरह की बाधा नहीं होती है। ऐसे में कुँवारी लडकियां चाहे तो नवरात्रि का व्रत कर सकती है। आप चाहे तो किसी मन की इच्छा को लेकर या वैसे भी व्रत को रख सकती है क्योंकि नवरात्रि का व्रत रखना बहुत फलदाई होता है।

तो यह हैं कुछ व्रत जो कुंवारी लडकियां कर सकती हैं, यदि आप भी कुँवारी है तो आप भी इन व्रत को कर सकती है। इन व्रतों को रखने में किसी तरह की पाबंदी नहीं होती है। आप चाहे तो अपने मन की इच्छा को लेकर या वैसे भी इन व्रत को कर सकती है।

Fast for unmarried girls