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3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी के अवसर पर माँ सरस्वती की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है। इस दिन को विद्या, संगीत और कला की देवी माँ सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। शुभतिथि के अनुसार, इस दिन पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
सरस्वती पूजा विधि:
- शुभ मुहूर्त का चयन: 3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त प्रातः 07:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक है। इस अवधि में पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- स्नान एवं स्वच्छता: प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और स्वच्छ स्थान पर पूजा की तैयारी करें।
- माँ सरस्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापना: पूजा स्थल पर माँ सरस्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। प्रतिमा के समक्ष सफेद वस्त्र बिछाएं और उस पर पुस्तकें, कलम, और वाद्य यंत्र (जैसे वीणा) रखें।
- पूजा सामग्री की व्यवस्था: पूजा के लिए सफेद फूल (जैसे चमेली या सफेद कमल), अक्षत (चावल), रोली, मौली, धूप, दीप, घी, मिष्ठान्न (जैसे खीर या मालपुआ), फल, और पान-सुपारी की व्यवस्था करें।
- पूजा आरंभ करें:
- माँ सरस्वती का ध्यान करते हुए दीप प्रज्वलित करें।
- रोली और अक्षत से तिलक करें।
- सफेद फूल अर्पित करें।
- मिष्ठान्न और फल का भोग लगाएं।
- पुस्तकों और कलम पर रोली और अक्षत लगाकर माँ सरस्वती से विद्या और ज्ञान की प्रार्थना करें।
- मंत्र जाप: माँ सरस्वती के निम्न मंत्र का जाप करें:“ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः”इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
- आरती: माँ सरस्वती की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
विशेष ध्यान दें:
- इस दिन पीले या सफेद वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
- विद्यार्थी अपने अध्ययन सामग्री की पूजा करें और माँ सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करें।
- पूजा के पश्चात् ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन और दान दें।
इस प्रकार विधिपूर्वक सरस्वती पूजा करने से माँ सरस्वती प्रसन्न होती हैं और भक्तों को विद्या, बुद्धि, और कला में प्रगति का आशीर्वाद देती हैं।
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