दिवाली साल का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और इसे लगभग देश के हर हिस्से में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है जिसमे दीप का मतलब होता है रौशनी और वली का मतलब होता है पंक्ति, यानी की यह त्यौहार चारों तरफ रौशनी को समर्पित होता है जो सभी के जीवन में भरपूर खुशियों को लाने में मदद करता है। दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा का सबसे ज्यादा महत्व होता है। इसके अलावा दीवाली का दिन को बुराई पर अच्छे की जीत, अँधेरे पर रौशनी की विजय, अज्ञानता पर ज्ञान का प्रतीक, निराशा में नज़र आने वाली उम्मीद का प्रतीक माना जाता है।
दीपावली के दिन रात के समय सभी माँ लक्ष्मी, गणेश जी की पूजा करने के बाद अपने घर को दीयों से रोशन करते हैं। और यह दीप जलाने की प्रथा की शुरुआत अयोध्या से हुई थी ऐसा कहा जाता है की जब भगवान् श्री राम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके घर आये थे। तो उनके आने की ख़ुशी में पूरी अयोध्या में घी के दीपक जलाकर उसे रोशन किया गया था और तभी से यह परम्परा चली आ रही है।
दिवाली कब है: 04 नवम्बर, 2021 दिन बृहस्पतिवार को है।
अमावस्या तिथि प्रारम्भ: नवंबर 04, 2021 दिन गुरूवार को प्रात: 06:03 बजे से शुरू होगी।
अमावस्या तिथि समाप्त: नवंबर 05, 2021 दिन शुक्रवार को प्रात: 02:44 बजे तक समाप्त होगी।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 18:41 से 20:25
पूजा की अवधि: 1 घंटे 44 मिनट
प्रदोष काल: 17:57 से 20:25
वृषभ काल: 18:41 से 20:44
तो यह हैं दिवाली पर क्या करना चाहिए, दिवाली कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, आदि की जानकारी।
Diwali 2021