माता के नवरात्रि के पूरे नौ दिन तक माता के अलग अलग रूप की पूजा की जाती है। माँ का हर रूप बहुत ही सूंदर व् मनमोहक होता है। माता के नवरात्रि के व्रत रखने के बाद इसका उदयापन करना भी जरुरी होता है और नवरात्रि व्रत का उदयापन कन्या पूजा करके किया जाता है। जिस तरह नवरात्रि के नौ दिन तक माता की पूजा का विशेष महत्व होता है वैसे ही कन्या पूजा भी बहुत ही विशेष और खास होती है। तो आइये अब इस आर्टिकल में जानते हैं की कन्या पूजा कब और कैसे करना चाहिए।
नवरात्रि में कन्या पूजा का क्या महत्व होता है?
जो लोग नवरात्रि के सम्पूर्ण व्रत रखते हैं उनके लिए कन्या पूजा का सबसे अधिक महत्व होता है क्योंकि उनके व्रत तब तक सम्पूर्ण नहीं माने जाते हैं जब तक वो कन्या पूजा नहीं करते हैं। साथ ही कन्या पूजा का महत्व यह भी होता है की इस दिन घर में नन्ही नन्ही कन्याओं को बुलाया जाता है और उन्हें माता की छवि, माता का रूप माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है।
नवरात्रि में कब करें कन्या पूजन?
वैसे तो नवरात्रि के पूरे नौ दिन माता के नाम के होते हैं ऐसे में आप किसी भी दिन कन्या भोज करवा सकते हैं लेकिन फिर भी कन्या पूजा का सबसे अधिक महत्व अष्टमी या नवमी के दिन होता है। कुछ लोग कन्या पूजा अष्टमी के दिन करते हैं तो कुछ लोग नवमी के दिन भी करते हैं। साल 2022 में 26 सितम्बर दिन सोमवार को नवरात्रि की शुरुआत होगी और उसके बाद 3 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार को अष्टमी मनाई जाएगी फिर 4 अक्टूबर 2022 दिन मंगलवार को नवमी तिथि मनाई जाएगी।
कन्या पूजा कैसे की जाती है?
वैसे तो कन्या पूजा में सबसे ज्यादा आपका भाव मायने रखता है की आप अपने घर कन्याओं को बुलाकर उनकी माता के स्वरुप में पूजा करते हैं। उसके बाद सबसे पहले उनके पैर धोएं जाते हैं, उसके बाद उन्हें विराजमान करके उन्हें तिलक लगाया जाता है, तिलक लगाने के बाद उनके हाथों पर कलावा यानी मौली बाँधी जाती है। मौली बाँधने के बाद उनकी ज्योत जलाकर उनकी आरती उतारी जाती है।
आरती उतारने के बाद उन्हें हलवा, पूरी, चने, केला, नारियल आदि का भोग लगाया जाता है। साथ ही आज कल तो लोग कन्याओं के लिए खिलौने, बर्तन, व् अन्य गिफ्ट आदि भी उन्हें लाकर देते हैं। उसके बाद फिर कन्याएं जब भोजन कर लेती है तो उनके पैर छूकर उन्हें विदा किया जाता है और यह कामना की जाती है की माता की कृपा दृष्टि सदा आपके ऊपर व् आपके परिवार के ऊपर बनी रहें।
तो यह हैं नवरात्रि में कन्या पूजा कैसे और कब की जाती है उससे जुडी जानकारी, यदि आप भी माता के नवरात्रि रखते हैं तो आप भी कन्या पूजा कैसे की जाती है उसका ध्यान रखें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें की कन्या पूजा के बाद भी यदि कोई कन्या आपके घर आ जाती है तो उसे खाली नहीं लौटाएं बल्कि उसे भी प्रसाद जरूर दें क्योंकि पता नहीं माता किसी रूप में आपके घर में आ जाये।
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