Wednesday, May 1, 2024
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गंड मूल नक्षत्र 2023, मूल नक्षत्र प्रारंभ एवं समाप्ति काल

Gand mool nakshatra : गंडमूल नक्षत्र या मूल नक्षत्र ज्योतिष शास्त्र में इसका अलग ही महत्व है। मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाला शिशु माता-पिता, व्यवसाय, उन्नति, के लिए अशुभ होते हैं। इसलिए मूल नक्षत्र में पैदा हुए शिशु का मूल कटवाना होता है पूजा पाठ करवाना होता है शांति पाठ करवानी होती है। पिता को इस दौरान शिशु का चेहरा नहीं देखना होता है। शांति पाठ करवाने के बाद ही पिता को अनुमति होती है शिशु का चेहरा देखने की। आइए जानते हैं मूल नक्षत्र के बारे में, आप खुद भी यह जान सकते हैं कि नवजात शिशु मूल नक्षत्र में है या नहीं है।

गंडमूल नक्षत्र कौन कौन से होते हैं?

रेवती, अश्विनी, आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, एवं मूल इन 6 नक्षत्रों को गंड मूल नक्षत्र कहते हैं।

इन नक्षत्रों में उत्पन्न जातक स्वयं के लिए या अपने माता-पिता के लिए अशुभ फल देता है इस वजह से गंडमूल नक्षत्र में उत्पन्न जातक के नक्षत्र के लगभग 27 दिन के जन्मदिन के निकट उसी नक्षत्र में दान पूजन करवा लेना शुभ कारक माना जाता है। इस दोष को कटवाना बहुत जरूरी है। मूल दोस्त करवाने के बाद माता-पिता और नवजात पर किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं रहती है।

आगे जानते हैं वर्ष 2023 में गंडमूल नक्षत्र के प्रारंभ एवं समाप्ति काल कब कब है:

तारीख, महीना कब सेनक्षत्रघंटा मिनटकब तक तारीख मासनक्षत्रघंटा मिनट
30 दिसंबर 2022रेवती11:241 जनवरी 2023अश्विनी12:48
9 जनवरी 2023आश्लेषा6:0511 जनवरीमघा11:50
18 जनवरीज्येष्ठा17:3020 जनवरीमूल12:40
26 जनवरीरेवती18:5728 जनवरीअश्विनी19:06
5 फरवरीआश्लेषा12:137 फरवरीमघा17:45
15 फरवरीज्येष्ठा2:0216 फरवरीमूल22:53
23 फरवरीरेवती4:5025 फरवरीअश्विनी3:27
4 मार्चआश्लेषा18:417 मार्चमघा0:05
14 मार्चज्येष्ठा18:1316 मार्चमूल6:24
22 मार्चरेवती15:3224 मार्चअश्विनी13:22
1 अप्रैलआश्लेषा1:573 अप्रैलमघा7:24
10 अप्रैलज्येष्ठा13:3912 अप्रैलमूल11:59
19 अप्रैलरेवती1:0120 अप्रैलअश्विनी23:11
28 अप्रैलआश्लेषा9:5330 अप्रैलमघा15:30
7 मईज्येष्ठा20:219 मईमूल17:45
16 मईरेवती8:1518 मईअश्विनी7:23
इस टेबल में दिया गया तारीख महीना नक्षत्र कब से कब तक है मूल नक्षत्र यह जानकर आप भी अपने नवजात शिशु का मूल निकाल सकते हैं। इस दौरान अगर नवजात शिशु जन्म लेता है तो वह मूल नक्षत्र में पैदा हुआ है यह माना जाता है और 27 दिन में शांति कराने होती है ताकि घर परिवार माता-पिता पर कोई संकट नहीं आए।
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