विवाह से पहले क्यों है लड़का लड़की कुंडली मिलान की जरुरत
Kundali Matching Online | Pandit for Kundli Match for Marriage – शादी एक नए जीवन की शुरुआत है, और इस महत्वपूर्ण कदम में कुंडली मिलान का महत्व अत्यधिक है। यह एक विशेषांक है जो दो जीवनसाथीयों की प्यार, सहयोग, दोनों की ग्रहों की स्थिति, आत्मा, गुण, और भविष्य को मिलाकर देखता है। कुंडली मिलान सुखी जीवन की ओर पहुंचने की मार्गदर्शन करती है।
कुंडली मिलाना या अष्टकूट गुण मिलाना बहुत जरूरी होता है। मान लीजिए आप लड़की देखने जाते हैं या लड़का देखने जाते हैं। आप क्या देखते हैं आप चेहरा देखते हैं धन दौलत देखते हैं समाज में लोगों से पूछते हैं जान पहचान के लोगों से पता लगाते हैं। माना लड़का लड़की का ओहदा बहुत अच्छा है। दोनों पढ़े लिखे हैं दोनों कमाते भी अच्छे हैं। पर स्वभाव का पता आप नहीं लगा सकते। स्वभाव का पता तो गुण मिलान के बाद ही पता चलेगा। कुंडली मिलान के बाद ही पता चलेगा।
कोई यह नहीं कहता कि मेरा लड़का बहुत उग्र स्वभाव का है या लड़की में यह दोष है। सब लोग अच्छा-अच्छा ही बोलते हैं। और अच्छाई बुराई का पता शादी के दो-चार साल बाद ही पता चलता है। आपने कभी नहीं देखा होगा कि तलाक 1 महीने के अंदर हो गया। शुरुआत में सब कुछ अच्छा लगता है पर जैसे-जैसे गुण स्वभाव बाहर निकलता है परेशानियां वहीं से शुरू होती है। एक सीधी साधी लड़की का विवाह अगर एक उग्र स्वभाव के लड़के से हो जाए तो क्या होगा।
जब आप कुंडली मिलते हैं तब गुण दोष मिलते हैं गुण दोष अगर मिलता हो तो जिंदगी अच्छी चलती है। इसलिए जब भी अपने बच्चों का विवाह या खुद अपना विवाह तय करें इसके पहले आप कुंडली मिलान जरूर करवाएं। इसमें कोई शर्म की बात नहीं है या मन की कुछ सोचने की बात नहीं है की अगला क्या कहेगा या कहेगी। शुरुआत में ही गुण दोष का पता हो जाने चाहिए। अगर मिलान सही नहीं है तो विवाह नहीं करने चाहिए जिंदगी मे खुशियां तभी आती है जब मन मिलता है जब व्यवहार मिलता है।
कुंडली में गुण मिलान कुंडली मिलान को अष्टकूट मिलान कहते हैं। अष्टकूट मिलान में आठ कूट का मिलान किया जाता है जिससे पता चलता है कौन सा गुण मिल रहा है और कितना मिल रहा है।
आईए जानते हैं टेबल के माध्यम से कौन-कौन से कूट होते हैं और उसका उद्देश्य क्या होता है
Kundli Match for Marriage
कूट | उद्देश्य |
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वर्ण | मानसिक अभिरुचियों |
वश्य | भावनात्मक सामंजस्य |
तारा | भाग्योदय |
योनि | प्रणय संबंध |
गृहमैत्री | आपसी विश्वास और सहयोग |
गण | कुटुंब के साथ संबंध |
भकूट | दांपत्य जीवन में मधुरता |
नाड़ी | दांपत्य जीवन में स्थिरता |
कुल 36 गुणों में से अगर 18 गुण मिल रहे हो तब भी शादी के लिए गुण मिलान सही होता है कम से कम । अगर 18 से नीचे हो तो विवाह नहीं करने चाहिए। गुण कम और ज्यादा इसलिए होता है किसी में स्कोर ज्यादा होता है और किसी में कम।
मैं यही सलाह दूंगा आप अपने बच्चों की शादी या अपनी शादी बिना कुंडली मिलान बिना गुण मिलान के नहीं करना चाहिए। ताकि वर वधू का भविष्य उज्जवल रहे। खुशियां ही खुशियां आए। कभी किसी चीज की कमी नहीं हो कभी झगड़ा झंझट न हो। या किसी मुश्किल दौर से ना गुजर ना पड़े। शायद हम सब यही चाहते भी हैं।
विवाह में जल्दी बाजी नहीं करें जल्दी बाजी से काम खराब होता है। गुण मिलान करके ही शादी करें।
अगर आप चाहते हैं वर वधू का गुण मिलान कुंडली के माध्यम से सूक्ष्म तरीके से करें तो आप हमसे संपर्क करें। उज्जवल भविष्य के लिए शादी में बिना विघ्न बाधा के लिए जिंदगी में खुशहाली के लिए दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए कुंडली मिलान करना बहुत जरूरी होता है।
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कुंडली मिलान / अष्टकूट गुण मिलान प्रश्नोत्तर
वर वधू का कुंडली मिलाने के बाद ही गुण दोष स्वभाव का पता चलता है। कुंडली मिलाने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। कुंडली मिलान करना बहुत जरूरी होता है
कुंडली में अगर नाड़ी दोष हो तो दांपत्य जीवन में स्थिरता नहीं आती है संतान सुख में भी कमी आती है
गुण दोष मिलना बहुत जरूरी होता है यह तभी पता चलेगा की कितने गुण मिल रहे हैं और यह कुंडली मिलान के बाद ही पता चलता है।
अगर 18 से कम गुण वर वधू में मिलता है, तो दांपत्य जीवन दुख भरा होता है। कुटुंब के साथ भी रिश्ते सही नहीं रहते हैं। या तो शादी टूटते हैं या शादी में कई सारे समस्या जीवन पर्यंत बना ही रहता है।
कुंडली मिलान के लिए वर वधू का नाम जन्मतिथि जन्म समय जन्म स्थान की जरूरत पड़ती है। दोनों के नक्षत्र राशि गुण दोष देखे जाते हैं और मिलान किया जाता है यह वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा।
अगर वर वधू का 36 में से 36 गुण मिल रहे हो तो दोनों का वैवाहिक जीवन दांपत्य जीवन खुशहाल होगा कभी किसी चीज की कमी नहीं होगी दोनों एक दूसरे के पूरक होंगे एक दूसरे को प्यार करेंगे। एक दूसरे का ख्याल रखेंगे जिंदगी में खुशियां ही खुशियां होगी .