गृह प्रवेश केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि जीवन की नई शुरुआत, सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है। जब कोई व्यक्ति या परिवार नया घर बनाता है या खरीदता है, तो उसमें प्रवेश करने से पहले सही शुभ मुहूर्त का चयन करना बेहद आवश्यक होता है।
गृह प्रवेश क्या है?
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गृह प्रवेश (Griha Pravesh) एक पारंपरिक हिन्दू अनुष्ठान है, जो तब किया जाता है जब नया घर बनवाकर या खरीदकर पहली बार उसमें प्रवेश किया जाता है। यह पूजा घर को शुद्ध, पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भरने के लिए की जाती है।
गृह प्रवेश का मुख्य उद्देश्य घर के सभी सदस्यों के लिए सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि सुनिश्चित करना होता है।
गृह प्रवेश का महत्व
- घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करना।
- माता-पिता, देवताओं और वास्तु के आशीर्वाद से घर के निवासियों के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाना।
- नए जीवन की शुरुआत को शुभ और मंगलमय बनाना।
- हवन और वास्तु शांति जैसे अनुष्ठानों से घर को बुरी शक्तियों से सुरक्षित करना।
शुभ मुहूर्त क्यों आवश्यक है?
गृह प्रवेश मुहूर्त का चयन ज्योतिषीय परामर्श, पंचांग और लग्न शुद्धि के आधार पर किया जाता है।
सही मुहूर्त पर किया गया गृह प्रवेश घर में सुख, शांति, समृद्धि और सौभाग्य लाता है।
यदि जन्म कुंडली में लग्नेश, नक्षत्र और दशा स्वामी गोचर में निर्बल हों या चंद्रमा पाप ग्रहों से पीड़ित हो तो गृह प्रवेश टालना चाहिए।
गृह स्वामी के लिए ताराबल और चंद्रबल का विचार करके ही मुहूर्त निकाला जाता है।
कुंडली के अनुसार गृह प्रवेश क्यों?
हर व्यक्ति की जन्म कुंडली अलग होती है।
कुंडली के अनुसार गृह प्रवेश का समय तय करने से ग्रह-नक्षत्रों का शुभ प्रभाव मिलता है और अशुभ प्रभाव कम होता है।
कुंडली के अनुकूल मुहूर्त पर किया गया गृह प्रवेश लंबे समय तक घर में सकारात्मकता, सफलता और शांति बनाए रखता है।
गृह प्रवेश कैसे करें – पूजा विधि
- शुभ मुहूर्त का चयन – पंचांग व ज्योतिषीय सलाह से।
- कलश स्थापना – आम के पत्ते, नारियल और जल से।
- गणेश पूजा व हवन – बाधाओं को दूर करने और घर को शुद्ध करने के लिए।
- मुख्य द्वार की सजावट – तोरण, फूल और रंगोली से।
- दूध उबालने की रस्म – समृद्धि और नवजीवन का प्रतीक।
- दाहिने पैर से प्रवेश – इसे अति शुभ माना जाता है।
- कन्याओं का पूजन व भोजन कराना – घर में शुभता और आशीर्वाद लाने के लिए।
गृह प्रवेश के प्रकार
- नया गृह प्रवेश – जब नए बने घर में पहली बार प्रवेश किया जाए।
- पुराना गृह प्रवेश – जब मरम्मत के बाद पुराने घर में फिर से प्रवेश किया जाए।
- पुनर्निर्मित गृह प्रवेश – जब घर के विस्तार या बड़े बदलाव के बाद प्रवेश हो।
गृह प्रवेश के लिए शुभ तिथि और समय
- अक्षय तृतीया, दशहरा और बसंत पंचमी जैसे दिन अत्यंत शुभ माने जाते हैं।
- मंगलवार और रविवार जैसे दिन ज्यादातर टाले जाते हैं (जब तक ज्योतिषी विशेष सलाह न दें)।
- हमेशा स्थानीय पंचांग और व्यक्तिगत कुंडली के अनुसार ही शुभ मुहूर्त चुनना सर्वोत्तम होता है।
पर्सनलाइज्ड मुहूर्त कैसे प्राप्त करें?
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समापन (निष्कर्ष)
गृह प्रवेश आपके जीवन की नई शुरुआत है।
सही मुहूर्त पर किया गया गृह प्रवेश आपके घर में सुख, शांति, समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य लाता है।
कुंडली के अनुसार चुना गया मुहूर्त घर में सकारात्मक ऊर्जा, सफलता और खुशी बनाए रखता है।
आपके नए घर में माँ लक्ष्मी व देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहे – यही मेरी शुभकामनाएँ हैं।
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