जब दो लोग शादी के बंधन में बंधते हैं, तो सिर्फ दो शरीर नहीं, दो आत्माएँ और दो परिवार भी एक होते हैं। यह बंधन जीवनभर का साथ होता है — सुख-दुख, स्वास्थ्य, संतान, आर्थिक स्थिति, आपसी समझ — सब कुछ इससे जुड़ा होता है। ऐसे में यदि पहले से यह समझ लिया जाए कि दो लोगों के स्वभाव, सोच, ग्रह-नक्षत्र और भविष्य एक-दूसरे से मेल खाते हैं या नहीं, तो यह रिश्ता और भी मजबूत और मधुर बन सकता है।
कुंडली मिलान का मतलब सिर्फ गुण मिलाना नहीं होता, बल्कि…
यह एक सम्पूर्ण वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसे ‘गुण मिलान’, ‘दोष निरीक्षण’, ‘ग्रह स्थिति’ और ‘दांपत्य जीवन की स्थिरता’ जैसे कई पहलुओं को देखकर किया जाता है।
✨ क्यों ज़रूरी है कुंडली मिलान?
- स्वभाव और मानसिकता की समानता (मानसिक तालमेल):
ग्रहों की स्थिति से यह जाना जा सकता है कि दोनों व्यक्तियों की सोच, धैर्य, ईमानदारी, गुस्सा, सहनशीलता कितनी मेल खाती है। - स्वास्थ्य और संतति योग:
विवाह के बाद स्वास्थ्य कैसा रहेगा और संतान सुख मिलेगा या नहीं — इसकी भी जानकारी कुंडली से प्राप्त होती है। - मांगलिक दोष (मंगल दोष) का प्रभाव:
यदि किसी एक की कुंडली में मंगल दोष हो और दूसरे की कुंडली उससे मेल न खाती हो, तो यह वैवाहिक जीवन में तनाव, झगड़े या बाधाओं का कारण बन सकता है। समय रहते इसका समाधान निकल सकता है। - आर्थिक स्थिरता और भाग्य का मेल:
ग्रहों की स्थिति यह भी दर्शाती है कि दोनों का भाग्य एक-दूसरे के लिए सहायक रहेगा या नहीं — जिससे विवाह के बाद जीवन में समृद्धि आए या समस्याएँ। - दीर्घकालिक संबंधों की स्थिरता:
कुंडली यह संकेत देती है कि यह संबंध कितना टिकाऊ रहेगा। क्या यह केवल आकर्षण है या एक गहरा आत्मिक बंधन?
💛 मानवता की दृष्टि से सोचें तो…
शादी सिर्फ उत्सव नहीं, एक बड़ी ज़िम्मेदारी है। जब हम अपने जीवनसाथी के साथ हर सुख-दुख साझा करते हैं, तो हमें यह भी देखना चाहिए कि वह व्यक्ति हमारे जीवन के रंगों को और उज्जवल बना पाएगा या नहीं।
जैसे हम कोई बड़ा निर्णय लेने से पहले अच्छे से जाँच-पड़ताल करते हैं, वैसे ही जीवनसाथी चुनने से पहले कुंडली मिलान एक मार्गदर्शन बनता है — ताकि जीवन में आगे चलकर किसी प्रकार का पछतावा या क्लेश न हो।
🌸 अंततः:
कुंडली मिलान अंधविश्वास नहीं है, बल्कि एक पूर्व-तैयारी है — ताकि दो अनजान लोग एक जान होकर जीवन की राह पर बिना रुकावट के आगे बढ़ सकें।
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