Wednesday, May 1, 2024
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11 अक्टूबर 2024 का पंचांग: दिनांक, वार, तिथि, नक्षत्र और अशुभ-शुभ समय

11 October 2024 Panchang – आज 11 अक्टूबर 2024 का पंचांग और शुभ मुहूर्त का समय : आज ११ अक्टूबर 2024 दिन शुक्रवार, तिथि अष्टमी, शुक्ल पक्ष, आश्विन माह, उत्तराषाढा नक्षत्र

जानें 11 सितम्बर 2024 के पंचांग की विस्तृत जानकारी जैसे कि दिनांक, वार, तिथि, नक्षत्र, और अशुभ-शुभ समय। इस पंचांग में शुभ समय और अशुभ समय के बारे में भी जानें जो आपकी दैनिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

आज का पंचांग 11 अक्टूबर 2024

वारशुक्रवार
तिथिअष्टमी – 12:06 PM तक उसके बाद नवमी
नक्षत्रउत्तराषाढा – 05:25 AM, अक्टूबर 12 तक
पक्षशुक्ल पक्ष
मासआश्विन
सूर्योदय05:54 AM
सूर्यास्त05:34 PM
चंद्रोदय01:22 PM
चन्द्रास्त12:03 AM, अक्टूबर 12

आज का शुभ समय : शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024

शुभ समय वे समय अवधि होती है जिसमें शुभ कार्यों को पूरा करने के लिए शुभ माना जाता है। इसे आप “मंगलकारी समय” भी कह सकते हैं। शुभ समय का महत्व ज्योतिषीय गणनाओं, नक्षत्रों, तिथियों, ग्रहों के स्थिति आदि के आधार पर निर्धारित किया जाता है।

शुभ समय में शुभ और मांगलिक कार्य करने से उस कार्य की सफलता, खुशहाली और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। इस समय में नए व्यापार की शुरुआत, विवाह, गृह प्रवेश, पूजा-अर्चना आदि कार्य किए जाते हैं। हिंदू संस्कृति में शुभ समय का महत्व बहुत अधिक मान्यता प्राप्त है और इसे मान्यताओं का पालन करने से अच्छा भाग्य और सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।

अभिजीत मुहूर्त11:21 AM से 12:08 PM
अमृत काल मुहूर्त11:05 PM से 12:40 AM, अक्टूबर 12
विजय मुहूर्त01:41 AM से 02:28 AM
गोधूलि मुहूर्त05:34 PM से 05:59 PM
सायाह्न संध्या मुहूर्त05:34 PM से 06:48 PM
निशिता मुहूर्त11:20 PM से 12:09 AM, अक्टूबर 12
ब्रह्म मुहूर्त04:16 AM से 05:05 AM
प्रातः संध्या04:41 AM से 05:54 AM

आज का अशुभ समय : शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024

अशुभ समय वह समय होता है जब धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार नकारात्मक शक्तियों और उत्पीड़न का प्रभाव अधिक होता है। इस समय में शुभ कार्यों का आरंभ नहीं किया जाता है और लोग इसे नकारात्मक गतिविधियों से बचने के लिए नियमित और आध्यात्मिक आचरण का पालन करते हैं।

दुर्मुहूर्त08:14:35 से 09:01:13 तक, 12:07:46 से 12:54:24 तक
कालवेला / अर्द्धयाम14:27:40 से 15:14:18 तक
कुलिक08:14:35 से 09:01:13 तक
यमघण्ट16:00:56 से 16:47:34 तक
कंटक12:54:24 से 13:41:02 तक
यमगण्ड14:39:19 से 16:06:46 तक
राहुकाल10:17:00 से 11:44:26 तक
गुलिक काल07:22:07 से 08:49:33 तक
भद्रानहीं है
गण्ड मूलनहीं है

विशेष मुहूर्त और योग : शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024

विशेष मुहूर्त और योग प्रमुखतः हिन्दू ज्योतिष और पौराणिक ग्रंथों में उल्लेखित होते हैं। ये मुहूर्त और योग विभिन्न घटनाओं के लिए शुभ माने जाते हैं, जैसे विवाह, गृहप्रवेश, उपनयन संस्कार, नामकरण, मुंडन, शिलान्यास, निर्माण कार्य, पुजा, यज्ञ, यात्रा आदि।

अभिजीत मुहूर्त11:21 AM से 12:08 PM
सर्वार्थ सिद्धि योग05:25 AM, अक्टूबर 12 से 05:55 AM, अक्टूबर 12
अमृत सिध्दि योगनहीं है
रवि योग05:25 AM, अक्टूबर 12 से 05:55 AM, अक्टूबर 12
द्विपुष्कर योगनहीं है
त्रिपुष्कर योगनहीं है

निवास और शूल

अग्निवासपृथ्वी 
दिशा शूलपश्चिम
शिववासश्मशान में

आज का व्रत / पर्व त्यौहार : शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024

दुर्गा अष्टमी, सन्धि पूजा, महा नवमी, सरस्वती बलिदान, मासिक दुर्गाष्टमी

ध्यान रखने योग्य बातें

  1. तिथि और मास: पंचांग में वर्ष के मासों और तिथियों की जानकारी होती है। आपको अपने कार्यों की योजना बनाते समय उचित मास और तिथि का ध्यान देना चाहिए।
  2. नक्षत्र: नक्षत्र चक्र में चंद्रमा की स्थिति का विवरण दिया जाता है। कुछ नक्षत्र शुभ माने जाते हैं, जबकि कुछ अशुभ माने जाते हैं। शुभ कार्यों के लिए शुभ नक्षत्र का चयन करना उचित होता है।
  3. योग: पंचांग में योग की जानकारी दी जाती है, जो सूर्य और चंद्रमा के संयोग को दर्शाता है। शुभ कार्यों के लिए शुभ योग चुनना आवश्यक होता है।
  4. करण: पंचांग में करण बारे में जानकारी भी दी जाती है। करण एक अवधि होती है जिसमें किसी कार्य को पूरा करने के लिए शुभ या अशुभ आदेश होता है। आपको शुभ करण के साथ अपने कार्यों को योजित करना चाहिए।
  5. वार: पंचांग में हफ्ते के दिनों की जानकारी भी होती है। किसी कार्य की योजना बनाते समय आपको वार का ध्यान देना चाहिए, क्योंकि कुछ वार शुभ माने जाते हैं जबकि कुछ अशुभ माने जाते हैं।
  6. तिथि परिवर्तन: पंचांग में तिथियों के परिवर्तन का विवरण दिया जाता है। आपको यह जानना चाहिए कि कब एक तिथि समाप्त होती है और दूसरी शुरू होती है।
  7. त्योहार और महापर्व: पंचांग में प्रमुख त्योहार और महापर्वों की जानकारी भी होती है। आप अपनी कार्य योजना बनाते समय इन त्योहारों का ध्यान रख सकते हैं और अपनी योजनाओं को उसके आधार पर समयित कर सकते हैं।

इन सभी बातों का ध्यान रखकर आप पंचांग के अनुसार अपने कार्यों की योजना बना सकते हैं और शुभ मुहूर्त के साथ अपनी गतिविधियों को आयोजित कर सकते हैं।

*पंचांग वाराणसी समयानुसार है।

गृहप्रवेश, भूमिपूजन, नीवपूजन, जनेऊ संस्कार, वाहन मुहूर्त, व्यापार मुहूर्त, विवाह मुहूर्त के लिए संपर्क करें। मुहूर्त नाम राशि लग्न के अनुसार निकाला जाता है जो आपके लिए आपके परिवार के लिए अतिशुभ होगा। खुशियां आएगी, मंगलकार्य होंगे, वंश बढ़ेगा, ज़िंदगी खुशहाल होगी। निरोग रहेंगे सफलता कदम चूमेगी मनोकामना पूर्ण होगी।

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