panchak date

पंचक की तिथियां 2022 में, पंचक में क्या करें क्या नहीं करें

धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण से रेवती नक्षत्र तक की अवधि को पंचक नक्षत्र कहा जाता है।  कई मामलों में पंचक बहुत ज्यादा ही अशुभ होता है और कई मामलों में शुभ फल भी दे सकता है। तो आइए जानते हैं पंचक में हम लोग क्या-क्या नहीं करें और क्या-क्या करना शुभ होता है। 

पंचक में क्या क्या नहीं करने चाहिए?

  •  जब पंचक की तिथि चल रही हो उस समय दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना वर्जित होता है।
  •  पंचक नक्षत्र में मकान दुकान आदि का छत डालना वर्जित होता है। 
  •  पंचक जब हो उस समय चारपाई पलंग चाहे खरीदना हो या बनाना अपने लिए  वर्जित होता है। 
  •  पंचक में दाह संस्कार नहीं किया जाता है और अगर किया जाए तो उचित उपाय करके,  पंचक में दाह संस्कार करने की अलग ही विधि  होती है। 
  •  पंचक में घर  का दीवार बनाना सही नहीं होता  है। 
  •  तांबा पीतल लोहे का खरीद भी  इस समय वर्जित  होता है। 

 अगर कोई जरूरी काम पड़ गया हो और करना जरूरी हो और पंचक की तिथि हो नक्षत्र चल रहा हो तो उस समय समुचित उपाय एवं पंचक शांति करवा कर ही कार्य का संपादन करने चाहिए।  ताकि पंचक का अशुभ फल नहीं हो। 

 पंचक में क्या क्या कर सकते हैं?

 पंचक में विवाह मुंडन गृह,  गृह निर्माण, प्रवेश वधू प्रवेश उपनयन आदि मुहूर्त पंचक नक्षत्र में किया जा सकता है।  पर इसके लिए शुभ मुहूर्त  मुहूर्त चक्र के अनुसार होने चाहिए।  क्योंकि कई ऐसे मुहूर्त होते हैं जिसमें पंचक मान्य नहीं होता है इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। 

 आइए जानते हैं 2022 में पंचक की तिथियां कब कब है। 

Panchak Calendar 2022

पंचक जनवरी 2022
Panchak starts: January 5, 2022, Wednesday at 07:54 PM
Panchak ends : January 10, 2022, Monday at 08:50 AM
पंचक फरवरी 2022
Panchak starts: February 1, 2022, Wednesday at 06:45 AM
Panchak ends: February 6, 2022, Sunday at 17:10 PM
पंचक मार्च 2022
Panchak starts: March 1, 2022, Tuesday at 04:31 PM
Panchak ends: March 5, 2022, Sunday at 02:29 AM
Panchak starts: March 28, 2022, Monday at 11:55 PM
Panchak Start: April 2, 2022, Saturday at 11:21 AM
पंचक अप्रैल 2022
Panchak starts: March 28, 2022, Monday at 11:55 PM
Panchak Start: April 2, 2022, Saturday at 11:21 AM
Panchak starts: April 24, 2022, Monday at 05:30 AM on
Panchak ends: April 29, 2022, Friday at 06:43 PM
पंचक मई 2022
Panchak starts: May 22, 2021, Sunday at 11:12 AM
Panchak ends: May 26, 2021, Thursday at 00:39 AM
पंचक जून 2022
Panchak starts: June 18, 2022, Saturday at 06:43 PM
Panchak ends: June 23, 2022, Thursday at 06:14 AM
पंचक जुलाई 2022
Panchak starts: July 16, 2022, Saturday at 04:17 AM
Panchak ends: July 20, 2022, Wednesday at 12:51 PM
पंचक अगस्त 2022
Panchak starts: August 12, 2022, Friday at 02:49 PM
Panchak ends: August 16, 2022, Tuesday at 09:07 PM
पंचक सितम्बर 2022
Panchak starts: September 8, 2022, Friday at 00:39 AM
Panchak ends: September 13, 2022, Tuesday at 06:36 AM
पंचक अक्टूबर 2022
Panchak starts: October 6, 2022, Thursday at 08:28 AM
Panchak ends: October 10, 2022, Monday at 04:02 PM
पंचक नवंबर 2022
Panchak starts: November 2, 2022, Wednesday at 02:16 PM
Panchak ends: November 7, 2022, Monday at 00:04 AM
Panchak starts: November 29, 2022, Tuesday at 07:51 PM
Panchak ends: December 4, 2022, Sunday at 06:16 AM
पंचक दिसंबर 2022
Panchak starts: November 29, 2022, Tuesday at 07:51 PM
Panchak ends: December 4, 2022, Sunday at 06:16 AM
Panchak starts: December 27, 2022, Tuesday at 03:31 AM
Panchak ends: December 31, 2022, Saturday at 11:47 AM
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Basant Panchami, वसंत पंचमी 5 फरवरी 2022 का पंचांग और मुहूर्त, सरस्वती पूजन विधि

Basant Panchami 2022 Muhurth and Panchang in Hindi : वसंत पंचमी 5 फरवरी 2022 का पंचांग  : माघ मास, शुक्ल पक्ष की पंचमी, नक्षत्र : उत्तर भाद्रपद 04:09 PM तक उसके बाद रेवती।  दिन शनिवार,  5 फरवरी 2022 को सुबह 3 बजकर 47 मिनट से शुरू होगी, जो कि अगले दिन 6 फरवरी, रविवार सुबह 03 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी. बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और पूर्वाह्न से पहले की जाती है। 

वसंत पंचमी के दिन होता है अबूझ मुहूर्त। 

बसंत पंचमी का दिन शादी विवाह के लिहाज से बहुत ही शुभ माना जाता है।  इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है।  यानी बसंत पंचमी के दिन कोई भी विवाह बगैर किसी संशय के किया जा सकता है।  आपको इसके लिए किसी ज्योतिषाचार्य से शुभ मुहूर्त निकलवाने की जरूरत नहीं होती। वसंत पंचमी के दिन रिश्ते लेने देने के लिए लोग जाते है। 

शुभ मुहूर्त वसंत पंचमी के दिन शुभ कार्य करने के लिए 

अभिजीत मुहूर्त 11:50 AM से 12:34 PM तक 

रवि योग : 04:09 PM से 06:39 AM, Feb 06 तक 

शुभ कार्य के लिए उत्तम समय है। 

अशुभ समय कब से कब तक है 

राहुकाल 09:25:51 से 10:49:01 तक, इस समय आप  किसी भी शुभ कार्य नहीं करें। सरस्वती पूजन भी इस समय नहीं करें। आप आगे पीछे कर लें। राहुकाल में ना शुभ कार्य करने हैं ना सरस्वती स्थापना करने हैं। 

ऐसे करें सरस्वती पूजन वसंत पंचमी को सरस्वती पूजन विधि

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने के लिए सबसे पहले जगह को साफ कर लें।  फिर मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर रखें. इसके बाद कलश स्थापित करें. सबसे पहले भगवान गणेश का नाम लेकर पूजा करें।  मां  सरस्वती की पूजा करते समय सबसे पहले उन्हें आचमन करें। माता को पीले रंग के फूल अर्पित करें।  माला और सफेद कपड़े पहनाएं। फिर मां सरस्वती का पूरा श्रृंगार करें।  माता के चरणों पर गुलाल अर्पित करें।  सरस्वती मां पीले फल या फिर मौसमी फलों के साथ-साथ बूंदी चढ़ाएं।  अगर आप विद्यार्थी है तो आप अपने पुस्तक और नोटबुक आदि को माँ के चरणों के पास रखें। कलम की पूजा करें। और माँ सरस्वती से आशीर्वाद लें ताकि आपको बल बुद्धि विद्या मिले। आप आगे बढ़ें खुशहाल रहें। 

Gupt Navratri 2022

गुप्त नवरात्री फरवरी 2022, पूजा विधि, तिथियां और मुहूर्त

Gupt Navratri February 2022, पुरे साल में गुप्त नवरात्री दो बार आती है। एक माघ में और एक आषाढ़ में। २ फरवरी २०२२ को शुरू होने वाली ये पहली गुप्त नवरात्री होगी। इस नवरात्री को गुप्त नवरात्री इसलिए कहते हैं क्यों की ये आम गृहस्त में ये नवरात्री को नहीं मनाते हैं न पूजा पाठ करते हैं। कई लोग मनाते भी है जिनको सिद्धि प्राप्त करने होते हैं या जिनको किसी मनोकामना की पूर्ति करने होते है।

गुप्त नवरात्री आमतौर पर साधकों और तांत्रिक के बीच प्रचलित है। वैसे ग्रंथों और कथाओं से मालूम होता है कि प्राचीन काल में गुप्त नवरात्रि ही अधिक प्रचलन में था क्योंकि उन दिनों लोगों में भौतिक सुखों की चाहत कम थी। लोग मुक्ति और अलौकिक शक्तियों की चाहत अधिक रखते थे। इसलिए पुराने जमाने में ये नवरात्री सबसे ज्यादा महत्त्व था। क्यों की उस समय शक्ति की उपासना लोग ज्यादा करते थे।

आजकल के लोग भौतिक और सांसारिक सुखों की चाहत रखते हैं इसलिए शारदीय और चैत्र नवरात्रि अधिक प्रचलित है। जिन्हें प्रकट नवरात्रि कहते हैं।  प्रकट नवरात्रि में देवी की साधना उपासना से सांसारिक कामनाओं और सुखों की प्राप्ति होती है। है।

फरवरी महीने में २ तारीख से गुप्त नवरात्रि का आरंभ हो रहा है और यह 10 फरवरी २०२२ को समाप्त होगा। इस गुप्त रात्रि में द्वितीया तिथि का क्षय हो गया है इसलिए 2 तारीख को ही प्रतिपदा और द्वितीय होने से देवी प्रथम स्वरूप शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा होगी।

गुप्त नवरात्रि का मुहूर्त

प्रतिपदा तिथि 2 तारीख को सुबह 8 बजकर 32 मिनट तक है इसके बाद द्वितीय तिथि लग जाएगी। इसलिए सुबह 8 बजकर 30 मिनट तक जो लोग कलश बैठाना चाह रहे हैं वह कलश बैठा सकते हैं।

गुप्त नवरात्रि योग संयोग

२ फरवरी शाम 5 बजकर 32 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र का शुभ प्रभाव बना रहेगा। गुप्त नवरात्रि के अवसर पर वरियन योग और बव करण भी प्रभाव में रहेगा। इस पर शुभ संयोग यह भी है कि गुप्त नवरात्रि का आरंभ बुधवार को हो रहा है। गुप्त नवरात्रि पूरे 9 दिनों की रहेगी। ऐसे में जो जो साधक इस नवरात्री को कर रहे हैं काफी फलदाई होगा। ये नवरात्री बहुत ही शुभ संयोग में हो रहा है।

२ फरवरी माघ महीने में शुरू होने वाले गुप्त नवरात्री की महत्वपूर्ण तिथियां।

  1. गुप्त नवरात्रि आरंभ 2 फरवरी 2022
  2. गुप्त नवरात्रि समाप्त 10 फरवरी 2022
  3. गुप्त नवरात्रि पारण 11 फरवरी 2022
  4. कलश स्थापना समय सुबह 8:30 मिनट पर
  5. गुप्त नवरात्र आरंभ धनिष्ठा नक्षत्र में
  6. गुप्त नवरात्रि में तंत्र मंत्र साधन उत्तम

अगर आप भी किसी मनोकामना या सिध्दि के लिए इस गुप्त नवरात्री को करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।

सोमवार का व्रत करने की विधि व् फायदे

सप्ताह में सात दिन होते हैं और सातों ही दिन किसी न किसी देवी देवता से जुड़े होते हैं और हर किसी किसी न किसी देवी देवता की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। और यदि सही दिन में सही देवी देवता की पूजा की जाएँ तो ऐसा करने से बहुत से फायदे भी मिलते हैं। पूजा अर्चना करने के साथ इन दिनों में अलग अलग व्रत भी किये जाते हैं जैसे की सोमवार के दिन भोलेबाबा के नाम का व्रत किया जाता है तो शुक्रवार के दिन माँ वैभव लक्ष्मी और माँ संतोषी के नाम का व्रत किया जाता है। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको सोमवार के दिन व्रत कैसे किया जाता है और सोमवार का व्रत रखने से कौन कौन से फायदे मिलते हैं उसके बारे में बताने जा रहे हैं।

सोमवार का व्रत रखने की विधि

  • व्रत वाले दिन व्यक्ति को सुबह समय से उठ जाना चाहिए और नित्य क्रियाक्रम से निवृत हो जाना चाहिए।
  • उसके बाद नहा धोकर साफ़ सुथरे कपडे पहकर तैयार हो जाना चाहिए और हो सके तो व्रत करने वाले व्यक्ति को इस दिन सफ़ेद रंग के कपडे पहनने चाहिए।
  • फिर आटे को घी में भूनकर उसमे चीनी मिलाकर साथ ही केले के कुछ पीस काटकर डालने चाहिए।
  • उसके बाद उस प्रसाद के तीन हिस्से करने चाहिए एक हिस्सा आपको मंदिर लेकर जाना चाहिए, एक हिस्सा लोगो में वितरित करना चाहिए, और एक हिस्सा आपको खाना चाहिए।
  • प्रसाद बनाने के बाद आप एक हिस्सा लेकर मंदिर में जाकर भोग लगाएं, शिवलिंग पर जल, बिल्व पत्र, चन्दन, फूल व् फल आदि अर्पित करना चाहिए।
  • उसके बाद आप चाहे तो मंदिर में बैठकर ही या फिर घर के मंदिर में आपकर सोमवार व्रत कथा व् आरती करें।
  • फिर दोपहर बाद आप भोजन करें या फलाहार करें और उस समय अपना प्रसाद खाएं और सुबह पूजा के बाद ही लोगो में दूसरे प्रसाद के हिस्से को बाँट दें।

सोमवार का व्रत रखने के फायदे

  • यदि कोई कुंवारा लड़का या लड़की सोमवार का व्रत मनचाहा वर व् वधु पाने की इच्छा से रखते हैं तो उनकी यह इच्छा जरूर पूरी होती है। लेकिन ध्यान रखें की व्रत पूरी निष्ठां व् विश्वास के साथ रखें।
  • शादीशुदा जीवन में आ रही मुसीबतों को दूर करने के लिए शादीशुदा जोड़ा या कोई एक भी यदि इस व्रत को रखता है तो इससे उनकी जिंदगी में खुशहाली को बरकरार रहने में मदद मिलती है।
  • घर में कलेश, लड़ाई आदि को दूर करके घर में सुख शांति का माहौल बना रहे इस इच्छा को लेकर भी यदि कोई व्यक्ति सोमवार व्रत करता है तो उसकी यह इच्छा भी पूरी होती है।
  • सोमवार का व्रत रखने से आपको लम्बी उम्र, बिमारियों से दूर रहने की शक्ति मिलती है।
  • यदि कोई व्यक्ति शनि की दशा से परेशान हैं तो वो भी सोमवार का व्रत रख सकता है क्योंकि सोमवार का व्रत रखने से भोलेबाबा आपको शनि की दशा से बचाने में मदद करते हैं।
  • यदि आप किसी भी मन की इच्छा को लेकर सोमवार का व्रत करते हैं तो भी आपको इस व्रत को रखने का फायदा मिलता है और आपके मन की इच्छा पूरी होती है।

सोमवार के व्रत में यह नहीं करें

व्रत रखने वाले व्यक्ति को काले रंग के कपडे नहीं पहनने चाहिए, शिव पूजन करते समय तुलसी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए साथ ही नारियल पानी के साथ शिव पूजा कभी नहीं करनी चाहिए ऐसा करने से आपसे भोलेबाबा नाराज़ हो सकते हैं।

तो यह सोमवार का व्रत रखने की विधि व् सोमवार का व्रत करने से कौन कौन से फायदे मिलते हैं उससे जुडी जानकारी, यदि आप भी अपनी किसी मनोइच्छा को लेकर सोमवार का व्रत करना चाहते हैं तो आप भी कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके मन की इच्छा को पूरी होने में मदद मिलती है।

Monday fast benefits

Veervaar ka vrat rakhne ki vidhi v fayde

गुरुवार यानी वीरवार व्रत करने की विधि व् इसके फायदे

सनातन धर्म में सप्ताह के हर दिन को किसी न किसी धार्मिक रूप से जोड़ा गया है और सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता है। जैसे की सोमवार का दिन भोलेबाबा तो मंगलवार का दिन हनुमान जी और शनि देव को समर्पित होता है। आज इस आर्टिकल में हम वीरवार के दिन के बारे में बता करने जा रहे हैं वीरवार का दिन ब्रहा जी, बृहस्पति देव, विष्णु भगवान को समपर्पित होता है। और इस दिन इनकी खास पूजा अर्चना के साथ कुछ लोग व्रत भी करते हैं जिससे उन्हें बहुत से फायदे भी मिलते हैं। तो आइये अब इस आर्टिकल में आगे हम आपको वीरवार के व्रत को करने की विधि व् उससे आपको कौन कौन से फायदे मिल सके हैं उसके बारे में बताने जा रहे हैं।

गुरुवार का व्रत रखने की विधि

  • वीरवार के दिन सुबह समय से उठ कर अपने नित्य क्रिया से निवृत्त हो जाना चाहिए।
  • उसके बाद प्रातःकाल स्नान करके साफ़ और स्वच्छ कपडे पहनकर भगवान विष्णु की पूजा बृहस्पति देव के रूप में करनी चाहिए।
  • ध्यान रखें की पूजन में पीली वस्तुएं जैसे की पीले फूल, चने की दाल, मुनक्का, पीली मिठाई, पीले चावल और हल्दी आदि को चढ़ाना चाहिए।
  • उसके बाद कथा करनी चाहिए और कथा करने के बाद व् कथा करते समय सच्चे मन से अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
  • वीरवार के व्रत में केले के पेड़ की पूजा करना जरूरी होता है और इसके लिए आपको लोटे में जल लेकर उसमे हल्दी डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए साथ ही केले की जड़ में चने की दाल, गुड़ और मुनक्का भी जरूर चढ़ाएं।
  • इसके बाद उसके पास ही दीपक जलाकर केले के पेड़ के सामने आरती करें।
  • साथ ही गुरूवार के व्रत में दिन में एक समय ही भोजन करना चाहिए और भोजन में पीली चीजें जैसे बेसन से बनी चीजें, आदि का सेवन ही करना चाहिए।

वीरवार का व्रत रखने के फायदे

यदि आप वीवरा का व्रत रखते हैं तो इससे आपको एक नहीं बल्कि कई फायदे मिलते हैं। क्योंकि वीरवार का व्रत रखने से कुंडली में बृहस्पति की दशा में सुधार लाने में मदद मिलती है। तो आइये अब वीरवार का व्रत रखने के फायदों के बारे में जानते हैं।

  • जिन लोगो की शादी में देरी हो रही हो उन्हें वीरवार का व्रत करना चाहिए क्योंकि इस व्रत को करने से आपकी यह समस्या दूर हो जाती है।
  • शादीशुदा जिंदगी में यदि कोई दिक्कत आ रही हो तो वीरवार का व्रत रखने से आपको इस परेशानी का निवारण करने में मदद मिलती है।
  • घर में धन धान्य की कमी नहीं हो, सुख शांति बनी रहें, माँ लक्ष्मी का वास हो इसके लिए आपको वीरवार का व्रत पूरी निष्ठां व् विश्वास के साथ रखना चाहिए।
  • मनचाहा पति पाने या पत्नी पाने की इच्छा को लेकर भी कुंवारे लड़के व् लड़कियां इस व्रत को कर सकते हैं।
  • नौकरी नहीं मिल रही है या नौकरी में तरक्की नहीं हो रही, काम के रास्ते में रुकावटें आ रही है तो भी आपको इस व्रत को करना चाहिए क्योंकि वीरवार का व्रत करने से आपकी इन सभी परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है।
  • जिन महिलाओं को बच्चे न हो रहे हो उन महिलाओं को वीरवार का व्रत करना चाहिए क्योंकि इस व्रत को करने से उनकी गोद भरने में मदद मिलती है।
  • इसके अलावा आपके मन में कोई भी इच्छा हो उसे लेकर यदि आप पूरे मनोभाव से वीरवार का व्रत करते हैं तो भी आपको इसका फल जरूर मिलता है।

ध्यान रखें:

वीरवार के दिन आपको पीला ही खाना चाहिए, हो सके तो पीला ही पहनना चाहिए, विधि विधान के साथ पूजा करनी चाहिए, केले का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इस दिन केले की पूजा होती है, बुरे काम करने से बचना चाहिए, आदि।

तो यह है वीरवार का व्रत रखने की विधि व् इस व्रत को रखने से कौन कौन से फायदे मिलते हैं उससे जुडी जानकारी, यदि आप भी किसी इच्छा को लेकर वीरवार का व्रत करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। क्योंकि यह व्रत आसान होने के साथ फलदायी भी होता है।

Benefits of Thursday Fasting

Ghar me sukh shanti ke liye kaun se vrat karen

घर में सुख शांति के लिए कौन-कौन से व्रत करने चाहिए?

हर व्यक्ति चाहता है की उसके घर में सुख शांति व् खुशहाली हमेशा बनी रहें साथ ही घर के परिवार हमेशा एक साथ प्यार से रहें इसके अलावा घर में बरकत बनी रहे। और इसके लिए घर का हर एक व्यक्ति रोजाना भगवान से हाथ जोड़कर प्रार्थना करता है साथ ही इसके लिए घर में पूजा पाठ भी जाती है। घर में सुख शांति व् खुशहाली हमेशा बनी रहे इसके लिए कुछ लोग व्रत भी करते है ताकि देवताओं की कृपा हमेशा उनके परिवार पर बरसती रहें। तो आइये अजा इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे कुछ व्रतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे रखने से घर में सुख शांति बनी रहती है।

सोमवार का व्रत

घर की महिलाओं को सोमवार के दिन जरूर व्रत करना चाहिए और भोलेबाबा से घर की सुख शांति को बनाएं रखने की कामना करनी चाहिए। इस व्रत को विधि विधान से करने के साथ इस व्रत का उद्यापन भी पूरी विधि से करें। ऐसा करने से घर में में पॉजिटिव माहौल को बने रहने में मदद मिलती है जिससे घर में सुख शांति बनी रहती है।

मंगलवार का व्रत

यदि कोई पुरुष मंगलवार के दिन व्रत करता है तो हनुमान जी की दिव्य दृष्टि उनपर बनी रहती है साथ ही शनि की दशा में भी सुधार आने में मदद मिलती है। साथ ही इस व्रत को करने पर उस व्यक्ति को हनुमान व् शनि देव जी घर में सुख शांति के बने रहने की कामना करनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आपके व् आपके परिवार पर उनकी कृपा होती है जिससे घर में सुख शांति बनी रहती है।

वीरवार का व्रत

वीरवार के दिन विष्णु भगवान व् माँ लक्ष्मी के नाम का व्रत पूरी निष्ठा के साथ करें और उनसे घर में सुख शांति बनाएं रखने की कामना करें। ऐसा करने से आपकी मनोइच्छा को पूर्ण होने में मदद मिलती है जिससे घर में सुख शांति के साथ लक्ष्मी का भी निवास होता है।

शुक्रवार का व्रत

यदि महिलाएं शुक्रवार को माँ वैभव लक्ष्मी के नाम का उपवास करती है और माँ लक्ष्मी से घर में हमेशा बरकत व् सुख शांति के बने रहने की कामना करती है तो उनपर माँ लक्ष्मी जरूर प्रसन्न होती है। जिससे घर में सुख शांति बने रहने में मदद मिलती है।

इन व्रतों को करने के साथ दान धर्म के काम करने, लोगो के साथ अच्छा व्यवहार करने, दूसरों की ख़ुशी का ध्यान रखने, भूखे को भोजन करवाने, आदि कर्म करने से भी देवताओं की कृपा दृष्टि आप पर बनी रहती है। जिससे घर में सुख शांति व् पॉजिटिव माहौल बने रहने में मदद मिलती है।

Ghar me sukh shanti ke liye kaun se vrat karen

Don't do these things on saturday

शनिवार के दिन क्या-क्या नहीं करना चाहिए?

शनिवार का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है इस दिन अच्छे कर्म या काम करने से जहां शनि देव खुश होकर आपको फायदा पहुंचाते हैं वहीँ यदि इस दिन कोई गलत काम किया जाये तो शनि के प्रकोप का सामना भी आपको करना पड़ सकता है। शनिवार का के दिन भगवान् भैरव, शनि देव व् हनुमान जी की पूजा की जाती है। शनिवार के दिन शनि मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है इसके अलावा शनिवार के दिन शनि के नाम से दान पुण्य करने का भी बहुत अधिक महत्व होता है। लेकिन कुछ काम होते हैं जिन्हे शनिवार के दिन क्या करने से बचना चाहिए। क्योंकि उन कामों को करने से शनि देव खुश नहीं होते हैं और आप पर शनि का बुरा प्रभाव पड़ सकता है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की शनिवार के दिन क्या-क्या काम नहीं करने चाहिए।

इन सामान को नहीं खरीदना चाहिए

शनिवार के दिन आपको लोहा व् लोहे से बना सामान, नमक, तेल, कोयला, लकड़ी, कलम, कागज़, काले तिल, काले जूते, चमड़ा व् चमड़े से बनी चीजें, झाड़ू आदि नहीं खरीदनी चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। और ऐसा करने के कारण शनि देव आपसे रुष्ट हो सकते हैं।

लड़की को ससुराल नहीं भेजें

यदि आपकी बेटी आपके घर में रहने के लिए आई हुई है तो शनिवार के दिन आपको गलती से भी अपनी बेटी को ससुराल नहीं भेजना चाहिए। ऐसा करना सही नहीं माना जाता है। इसके अलावा शनिवार के दिन लड़के को भी अपने ससुराल नहीं जाना चाहिए।

बाल व् नाख़ून काटने से बचें

शनिवार के दिन किसी को भी अपने बाल या नाख़ून नहीं काटने चाहिए क्योंकि ऐसा करना सही नहीं माना जाता है। और हो सके तो इस दिन बालों को धोने से भी बचना चाहिए।

शराब का सेवन नहीं करें

यदि आपको शराब पीने की आदत है तो शनिवार के दिन अपने आप पर थोड़ा नियंत्रण रखें और हो सके तो शराब का सेवन नहीं करें। क्योंकि शनिवार के दिन शराब पीने से आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। शराब के साथ मास मच्छी यानी की नॉन वेज का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

इन दिशाओं में यात्रा नहीं करें

शनिवार के दिन पूर्व, उत्तर, और ईशान दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए क्योंकि शनिवार के दिन इन दिशाओं में यात्रा करना अच्छा नहीं माना जाता है।

इन चीजों का सेवन नहीं करें

शनिवार के दिन दिन बैंगन, अचार, लाल मिर्च, दूध, दही आदि का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इस दिन इन चीजों का सेवन वर्जित होता है। इसके अलावा यदि आप दूध व् दही का सेवन करना चाहते हैं तो इसमें थोड़ी हल्दी मिला लें उसके बाद इनका सेवन करें।

किसी का अपमान या निंदा नहीं करें

वैसे तो हमे किसी भी दिन अपने बड़े या छोटों का अपमान या निंदा नहीं करनी चाहिए लेकिन शनिवार के दिन तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि शनि देव ऐसा करने वाले व्यक्ति पर क्रोधित होते हैं और इसकी वजह से आपको शनि की बुरी दृष्टि का सामना करना पड़ सकता है।

शनि देव के मंदिर में जाते समय इस बात का ध्यान रखें

शनिवार के दिन यदि आप मंदिर जाते हैं तो एक बात का ध्यान रखें की आप गलती से भी शनि देव की आँखों में नहीं देखें क्योंकि ऐसा करना उनका अपमान माना जाता है। और ऐसा करने से वो आपसे नाराज़ हो सकते हैं।

तो यह हैं कुछ काम जो आपको शनिवार को नहीं करने चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपको शनि की बुरी दशा का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा हो सके तो इस दिन शनि मंदिर में जाकर पूजा अर्चना कर तिल व् तेल चढ़ाएं और शनि की कृपा दृष्टि आप पर बनी रहे और आपके जीवन में हमेशा ख़ुशी बरकरार रहें इसके लिए प्रार्थना करनी चाहिए।

Don’t don these things on Saturday

panchak date

Panchak Date January 2022

January 2022 panchak date : पंचक January 2022 तिथि, पंचक कब से कब तक है जनवरी महीने में, पंचक की तिथि, पौष महीने में पंचक की तिथियां

panchak date

किसी भी शुभ कार्य का आरम्भ पंचक में नहीं किया जाता है। इसलिए हिन्दू धर्म में पंचक को सही नहीं माना जाता है और लोग किसी भी शुभ कार्य को करने  से पहले ये जान लेते हैं की पंचक कब से कब तक है। तो आइये आपको बताते चले की दिसंबर 2021 में पंचक की तिथि कब से कब तक है और क्या क्या नहीं करने चाहिए।

भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार  धनिष्ठा नक्षत्र से रेवती नक्षत्र तक जो 5 नक्षत्र (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती) होते हैं, उन्हे पंचक कहा जाता है। पंचक के अंतर्गत आने वाले इन्हीं पांच नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को ‘पंचक काल’ कहा जाता है। जो शुभ नहीं होता है इस दौरान शुभ कार्य का आरम्भ नहीं किया जाता है।

इस दौरान वाहन का क्रय विक्रय नहीं किया जाता है।

पंचक में गृह निर्माण नहीं किया जाता है। 

गृह प्रवेश पंचक में नहीं होता है। कुछ शुभ तिथि को छोड़कर। 

मकान का छत ढलाई पंचक में वर्जित होता है। 

इस दौरान बहु बेटियों को मायके ससुराल नहीं भेजा जाता है।

पंचक के दौरान अगर किसी की मृत्यु हो जाये तो शुभ नहीं माना जाता है। इसके लिए विशेष तरीके से अंतिम संस्कार किये जाते हैं। इसलिए इस बात का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है।

 

कब से कब तक है पंचक जनवरी 2022 में

 

January 2022 Panchak Begins
January 5, 2022, Wednesday at 07:54 PM

 

Januray 2022 Panchak Ends
January 10, 2022, Monday at 08:50 AM
panchak date

पंचक दिसंबर 2021 कब से कब तक है पंचक की तिथि

Panchak December 2021 Dates : पंचक दिसंबर 2021 तिथि, पंचक कब से कब तक है दिसंबर में, मार्गशीर्ष में पंचक की तिथि, अगहन महीने में पंचक की तिथियां

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किसी भी शुभ कार्य का आरम्भ पंचक में नहीं किया जाता है। इसलिए हिन्दू धर्म में पंचक को सही नहीं माना जाता है और लोग किसी भी शुभ कार्य को करने  से पहले ये जान लेते हैं की पंचक कब से कब तक है। तो आइये आपको बताते चले की दिसंबर 2021 में पंचक की तिथि कब से कब तक है और क्या क्या नहीं करने चाहिए।

भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार  धनिष्ठा नक्षत्र से रेवती नक्षत्र तक जो 5 नक्षत्र (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती) होते हैं, उन्हे पंचक कहा जाता है। पंचक के अंतर्गत आने वाले इन्हीं पांच नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को ‘पंचक काल’ कहा जाता है। जो शुभ नहीं होता है इस दौरान शुभ कार्य का आरम्भ नहीं किया जाता है।

इस दौरान गृह कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है। 

पंचक में गृह निर्माण नहीं किया जाता है। 

गृह प्रवेश पंचक में नहीं होता है। 

मकान का छत ढलाई पंचक में वर्जित होता है। 

इस दौरान बहु बेटियों को मायके ससुराल नहीं भेजा जाता है।

पंचक के दौरान अगर किसी की मृत्यु हो जाये तो शुभ नहीं माना जाता है। इसके लिए विशेष तरीके से अंतिम संस्कार किये जाते हैं। इसलिए इस बात का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है।

 

कब से लगेगा पंचक दिसंबर 2021 में और कब तक रहेगा पंचक दिसंबर महीने में।

 

पंचक की अवधि दिसंबर माह में : 09 दिसंबर 2021 से 14 दिसंबर 2021 तक है 

Surya Grahan 2021

सूर्यग्रहण 4 दिसंबर 2021का समय और प्रभाव

Surygrahan 2021, 4th December 2021 Saturday Grahan Timing : सूर्यग्रहण का समय, सूर्यग्रहण की अवधि, गर्भवती महिला के लिए खास निर्देश, भारत में कहाँ कहाँ लगेगा 4 दिसम्बर को लगने वाले सूर्य ग्रहण, ग्रहण का समय कब से कब तक है। ग्रहण के दौरान क्या करें क्या नहीं करें जानिए सम्पूर्ण जानकारी अमावश्या के दिन लगने वाले सूर्यग्रहण के बारे में।

सूर्यग्रहण 4 दिसंबर 2021

इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण चार दिसंबर शनिवार को लगेगा। भारत में इस ग्रहण को देखा नहीं जा सकेगा इसलिए 4 दिसंबर 2021 को लगने वाले सूर्यग्रहण का सूतककाल मान्य नहीं होगा।  हालांकि खग्रास ग्रहण होने कीवजह से विभिन्न्न राशियों पर और गर्भवती महिला पर  इसका प्रभाव पड़ेगा। आपको पता होगा 19 नवंबर को चंद्रग्रहण लगा था । उपछाया चंद्रग्रहण होने की वजह से उसका भी कोई प्रभाव नहीं था।

सूर्यग्रहण 4 दिसंबर 2021 भारत में दिखाई देगा या नहीं ?

4 दिसंबर को लगने वाले सूर्ग्रहण का प्रभाव भारत के किसी भी शहर या राज्य में इसका प्रभाव नहीं होगा।  इस खग्रास सूर्य ग्रहण को  अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई पड़ेगा। चार दिसंबर को शनिवार और मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है।

सूर्यग्रहण कब से कब तक है ?

ग्रहण का स्पर्श सुबह भारतीय समय के अनुसार 10: 59 बजे होगा। मध्य दोपहर 1:03 बजे और मोक्ष दिन में दोपहर 3: 07 बजे होगा। शनिवार को लगने वाले सूर्यग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा उपरांत ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा। जो जातक वृश्चिक और अनुराधा ज्येष्ठा नक्षत्र वाले हैं उनको इस सूर्यग्रहण का प्रभाव सबसे अधिक होगा। वृश्चिक और अनुराधा ज्येष्ठा के जातक सूर्यग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतें।

सूर्ग्रहण का सूतक मान्य होगा की नहीं ?

भारत में सूतक नियम मान्य नहीं होंगे. लेकिन सूर्य ग्रहण का राशियों पर प्रभावों पड़ेगा। वृष, मिथुन, सिंह, कन्या व मकर राशि वालों के लिए ये ग्रहण शुभ फल देगा।

गर्भवती महिला के सलाह

सूर्ग्रहण जो 4 दिसंबर को लग रहा है भले ही उसका सूतक और प्रभाव भारत में नहीं है। फिर भी गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है की वो अपना ख्याल जरूर रखें ताकि गर्भ में पल रहे शिशु को किसी भी तरीके से कोई नुकसान नहीं हो। इस दौरान गर्भवती महिला को घर से बाहर जाने की सलाह नहीं दी जाती है। इस समय आराम से घर पर ही रहने चाहिए सूर्य की रौशनी में नहीं जाने चाहिए।

ग्रहण के बाद स्नानादि करने के बाद ही भोजन ग्रहण करने चाहिए। इस दौरान पूजा पाठ भी नहीं की जाती है। इस समय नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करने चाहिए। किस की बुराई और लड़ाई झगडे से दुरी बनाने चाहिए।

4 दिसंबर ग्रहण के बाद दान जरूर देने चाहिए ताकि आपको ग्रहण से फायदे हो आपके घर परिवार में खुशियां आये।