करवा चौथ 2022 कब है? शुभ मुहूर्त व् पूजा विधि
करवा चौथ का त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह त्यौहार विवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता है। क्योंकि इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत करती है। साथ ही कुँवारी लडकियां भी अच्छे पति की इच्छा को लेकर व्रत रखती है। यह व्रत सूर्योदय से पहले से शुरू हो जाता है और उसके बाद चांद निकलने तक रखा जाता है और उसके बाद चन्द्रमा के दर्शन के पश्चात ही इसको खोला जाता है। तो आइये अब इस आर्टिकल में करवा चौथ से जुडी जानकारी के साथ साल 2022 में करवा चौथ कब है उसके बारे में जानते हैं।
पूजा विधि की जानकारी करवा चौथ के लिए
- सबसे पहले महिला को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नहा धोकर सरगी खानी चाहिए। सरगी वह खाना होता है जो एक सास द्वारा अपनी बहु को दिया जाता है। और यह खाना आपको सूरज निकलने से पहले ही खाना होता है। सरगी का नियम ज्यादातर पंजाबी लोगो में होता है अन्य लोग बिना सरगी के बिना ही व्रत करते हैं।
- उसके बाद महिला को को पूजा दिन बिना खाएं पीए रहना पड़ता है और फिर रात को चन्द्रमा की पूजा के बाद ही यह व्रत खोला जाता है।
- करवा चौथ की पूजा शाम के समय की जाती है इस दौरान महिला पूरे सोलह श्रृंगार करके तैयार होती है और माँ करवा चौथ की कहानी सुनती है।
- फिर जब चाँद निकलता है तो छलनी में से महिला चाँद और अपने पति को देखती है और जल अर्पण करती है उसके बाद पुरुष महिला को पानी पिलाता है फिर यह व्रत खोला जाता है।
- इसके अलावा पुरुष भी इस व्रत को करते हैं साथ ही पुरुष अपनी पत्नी के लिए बेहतरीन तोहफा भी ला सकते हैं।
करवा चौथ शुभ मुहूर्त व् चाँद निकलने का समय
साल 2022 में करवा चौथ 13 अक्टूबर 2022 दिन गुरूवार को है। करवा चौथ का शुभ मुहूर्त यानी की करवा चौथ पूजा मुहूर्त शाम 05:54 से शुरू होकर 07:03 तक है और पूजा के शुभ मुहूर्त की यह अवधि 1 घंटे और 09 मिनट की है और चाँद निकलने का समय रात को 08 बजकर 10 मिनट का है।
करवा चौथ की कहानी
करवा चौथ व्रत की कहानी के अनुसार एक साहूकार के सात बेटे थे और एक बेटी थी और उसका नाम करवा था। एक बार करवा चौथ के दिन उनके घर में करवा चौथ का व्रत रखा गया और यह व्रत उसकी सभी भाभियों और करवा ने भी रखा। उसके बाद बहन को भूखा देखकर जब रात्रि को जब सब भोजन करने लगे तो करवा के भाइयों ने उससे भी भोजन करने का आग्रह किया। लेकिन करवा ने यह कहकर मना कर दिया कि अभी चांद नहीं निकला है और वह चन्द्रमा को अर्घ्य देकर चन्द्रमा की पूजा करने के बाद ही भोजन करेगी।
परन्तु अपनी सुबह से भूखी प्यासी बहन की हालत देखकर भाइयों से रहा नहीं गया। उसके बाद उन भाइयों ने कुछ सोचा और उन भाइयों में से सबसे छोटा भाई एक दीपक दूर एक पीपल के पेड़ में जाकर प्रज्वलित कर आया और अपनी बहन से बोला बहन चाँद निकल आया है और अब आप व्रत तोड़ लो। करवा को अपने भाई की यह चतुराई समझ में नहीं आयी और उसने जल्दी से चन्द्रमा को अर्क देकर खाने का निवाला खा लिया। जैसे ही करवा ने खाने का निवाला खाया तो उसे खाते ही उसे अपने पति की मृत्यु का समाचार मिला।
उसके बाद करवा अपने पति के शव को लेकर एक वर्ष तक बैठी रही और उसके ऊपर उगने वाली घास को इकट्ठा करती रही। फिर अगले साल आने वाली कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को फिर से आने पर उसने पूरे विधि विधान से करवा चौथ व्रत किया, और चाँद के निकलने के बाद पूजा करके व्रत खोला उसके बाद उसका पति पुनः जीवित हो गया। तभी से इस व्रत को सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत शुभ माना जाता है और हर साल इस व्रत को महिलाएं रखती भी है।
तो यह है करवा चौथ से जुडी जानकारी, साल 2022 में करवा चौथ कब है। इसके अलावा महिलाओं को इस ध्यान रखें की आपदीं ध्यान रखना चाहिए की महिला सुई, कैंची, चाक़ू आदि का इस्तेमाल करने से बचें। इन सभी का इस्तेमाल इस पूजा में वर्जित माना गया है।
Karva Chauth 2022