Makar-Sankranti-2023

मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है कब है संक्रांति 2023 में

मकर संक्रांति एक ऐसा त्यौहार है जो देश के लगभग सभी हिस्सों में अलग अलग नाम से बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच के समय को सौर मास कहा जाता है। मकर संक्रांति का त्यौहार जनवरी महीने में आता है तो आइये अब इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं की मकर संक्रांति मनाने का वैज्ञानिक और धार्मिक कारण क्या है साथ ही साल 2023 में मकर संक्रांति कब है।

मकर संक्रांति मनाने का धार्मिक कारण

हिन्दू धर्म में त्यौहारों को मनाने के पीछे कोई न कोई धार्मिक कारण जरूर होता है। और इनकी कारणों व् मान्यताओं के कारण ही इन त्यौहारों को मनाने की परम्परा है। वैसे की मकर संक्रांति का त्यौहार मनाने का सबसे बड़ा कारण यही है की इस दिन सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। इसके साथ ही इसके अन्य और भी धार्मिक कारण है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन से ही धरती पर अच्छे दिनों की शुरुआत होने वाली है यह माना जाता है। क्योंकि इस दिन से ही सूर्य दक्षिण गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध में गमन करने लगता है। जिससे देवताओं के दिन का आरम्भ शुरू हो जाता है साथ ही इस दिन स्वर्ग का दरवाज़ा भी खुल जाता है। इसीलिए इस दिन आप जो भी दान पुण्य करते हैं वो दान पुण्य अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक फलदायी होता है।

गीता के अनुसार भी महाभारत में भीष्म पितामह में अपनी देह का त्याग करने के लिए भी इसी दिन का चुनाव किया था। साथ ही गीता में यह भी बताया गया है की जो व्यक्ति मकर संक्रांति के शुक्ल पक्ष में देह का त्याग करते हैं उन्हें स्वर्ग में जगह मिलती है। इसके अलावा इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं इसीलिए इस त्यौहार को बहुत अधिक धूमधाम से मनाया जाता है।

मकर संक्रांति मनाने का वैज्ञानिक कारण

उत्तरायण मनाने के पीछे दो वैज्ञानिक कारण होते हैं सबसे पहले तो यह की इस दिन के बाद से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं जिससे ठण्ड की वजह से सिकुड़ते लोगो को आराम मिलता है। साथ ही मकर संक्रांति का मनाने का दूसरा वैज्ञानिक कारण यह है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां के पर्व त्योहारों के सम्बन्ध कृषि पर भी निर्भर करते है।

मकर संक्रांति ऐसे समय में आता है जब किसान रबी की फसल लगाकर खरीफ की फसल, धन, मक्का, गन्ना, मूंगफली, उड़द आदि को घर लेकर आते हैं। जिससे किसानों का घर अन्न से भर जाता है। इसलिए मकर संक्रांति पर खरीफ की फसलों के आने पर एक त्यौहार का आनंद मनाया जाता है।

Makar Sankranti 2023 मकर संक्रांति 2023 कब है?

हिन्दू पंचांग के अनुसार, सूर्य 15 जनवरी 2023 की रात्रि 3.02 बजे धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे इसीलिए उदयातिथि के अनुसार मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी 2023 दिन रविवार को मनाया जाएगा।

मकर संक्रांति के किन किन चीजों का सबसे अधिक महत्व होता है?

  • इस दिन किसी पावन नदी में जाकर स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है।
  • मकर संक्रांति के दिन गुड़, तिल, खिचड़ी, घी, कम्बल, नमक आदि चीजों का सबसे अधिक महत्व होता है।
  • संक्रांति के दिन पूजा पाठ का भी बहुत अधिक महत्व होता है।
  • हो सके तो आपको इस दिन किसी न किसी गरीब की मदद जरूर करना चाहिए, कोई जरुरतमंद यदि आपके द्वार आये तो उसे वापिस नहीं लौटाएं।

तो यह हैं मकर संक्रांति 2023 से जुडी जानकारी, साथ ही मकर संक्रांति मनाने के धार्मिक व् वैज्ञानिक कारण क्या हैं उससे जुडी जानकारी, इस दिन पतंग उड़ाने की भी परम्परा है। तो हम आशा करते हैं की आपके लिए मकर संक्रांति का त्यौहार फलदायक व् खुशियां लाने वाला हो।

Makar Sankranti 2023