जून 2023 व्रत त्योहार

जून 2023 में आने वाले व्रत पर्व और त्योहार

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June 2023 Vrat Tyohar : Festivals in June 2023 Date: जून का महीना निर्जला एकादशी से शुरू होकर देवशयनी एकादशी पर समाप्त होगा। 5 जून 2023 सोमवार से आषाढ़ मास का आरंभ होगा। जून 2023 में जो सबसे महत्वपूर्ण तिथियां है जिसमें व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे उसमें कबीर जयंती, कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी, कालाष्टमी, योगिनी एकादशी, मिथुन संक्रांति और प्रदोष व्रत 15 जून को है, 16 जून को मासिक शिवरात्रि, 17 जून को रोहिणी व्रत और दर्श अमावस्या के साथ-साथ 18 जून को आषाढ़ अमावस्या है। गुप्त नवरात्रि 19 जून 2023 सोमवार के दिन है। जगन्नाथ रथ यात्रा 20 जून 2023 को है, 22 जून 2023 को गुरुवार के दिन विनायक चतुर्थी है। 25 जून 2023 रविवार के दिन भानु सप्तमी है। 29 जून 2023 गुरुवार के दिन गौरी व्रत प्रारंभ है और देव सैनी एकादशी भी उस दिन से शुरू होगा। 30 जून 2023 को शुक्रवार के दिन देव सैनी एकादशी का पारण है और उसी दिन वासुदेव द्वादशी भी है।

29 जून से ही देवयानी एकादशी शुरू हो जाएगा। 4 माह के लिए भगवान विष्णु निद्रा अवस्था में चले जाएंगे शुभ कार्य 4 महीने तक बंद हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी के बाद से ही शुभ कार्य शुरू होंगे।

यह है महत्वपूर्ण तिथियों और व्रत त्यौहार का लिस्ट जून 2023 के लिए

जून 2023 व्रत-त्योहार लिस्ट

  • 1 जून 2023, गुरुवार- निर्जला एकादशी व्रत का पारण, प्रदोष व्रत
  • 3 जून 2023, शनिवार- वट पूर्णिमा व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
  • 4 जून 2023, रविवार- कबीर जयंती
  • 5 जून 2023, सोमवार- आषाढ़ मास आरम्भ
  • 7 जून 2023, बुधवार- कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी
  • 9 जून 2023, शुक्रवार- पंचक प्रारंभ
  • 10 जून 2023, शनिवार- कालाष्टमी
  • 13 जून 2023, मंगलवार- पंचक समाप्त
  • 14 जून 2023, बुधवार- योगिनी एकादशी व्रत
  • 15 जून 2023, गुरुवार- मिथुन संक्रांति, प्रदोष व्रत
  • 16 जून 2023, शुक्रवार- मासिक शिवरात्रि
  • 17 जून 2023, शनिवार- रोहिणी व्रत, दर्श अमावस्या
  • 18 जून 2023, रविवार- आषाढ़ अमावस्या
  • 19 जून 2023, सोमवार- आषाढ़ नवरात्रि (गुप्त नवरात्रि) प्रारंभ, चंद्र दर्शन
  • 20 जून 2023, मंगलवार- जगन्नाथ रथयात्रा
  • 22 जून 2023, गुरुवार- विनायक चतुर्थी
  • 25 जून 2023, रविवार- भानु सप्तमी 
  • 28 जून 2023, बुधवार- ईद-उल-अजहा (बकरीद)
  • 29 जून 2023, गुरुवार- गौरी व्रत प्रारम्भ, देवशयनी एकादशी
  • 30 जून 2023, शुक्रवार- देवशयनी एकादशी पारण, वासुदेव द्वादशी

जून माह 2023 व्रत और त्योहार

जून 2023 में पंचक की तिथियां कब से कब तक है?

पंचक 9 जून 2023 से प्रारंभ हो जाएगा, और 13 जून 2023 को समाप्त होगा .

आषाढ़ अमावस्या कब है?

आषाढ़ अमावस्या 18 जून 2023 रविवार को है

मासिक शिवरात्रि जून 2023 में कब है?

16 जून 2023 शुक्रवार के दिन मासिक शिवरात्रि है

विनायक चतुर्थी जून 2023 में कब है?

विनायक चतुर्थी 22 जून 2023 गुरुवार के दिन है

जगन्नाथ रथ यात्रा जून 2023 में कब है?

जगन्नाथ यात्रा 20 जून 2023 मंगलवार के दिन है

देवशयनी एकादशी जून 2023 में कब है ?

29 जून 2023 गुरुवार को देव शयनी एकादशी है

वधू प्रवेश और द्विरागमन मुहूर्त (गौना) 2023 शुभ तिथियां नक्षत्र और वार

फरवरी 2023 में वधू प्रवेश के शुभ मुहूर्त

फरवरी में वधू प्रवेश की तारीख और वारतिथिमाह और पक्षनक्षत्र
16 फरवरी 2023, गुरूवारएकादशी 02:49 AM, Feb 17 तकफाल्गुन, कृष्ण पक्षमूल
17 फरवरी 2023, शुक्रवारद्वादशी 11:36 PM तक उसके बाद त्रयोदशीफाल्गुन, कृष्ण पक्षउत्तराषाढा
22 फरवरी 2023, बुधवारतृतीया 03:24 AM, Feb 23 तकफाल्गुन, शुक्ल पक्षउत्तर भाद्रपद
24 फरवरी 2023, शुक्रवारपञ्चमी 12:31 AM, Feb 25 तकफाल्गुन, शुक्ल पक्षअश्विनी
फरवरी 2023 में वधु प्रवेश के शुभ मुहूर्त

मार्च 2023 में वधू प्रवेश के शुभ मुहूर्त

मार्च में वधू प्रवेश की तारीख और वारतिथिमाह और पक्षनक्षत्र
02 मार्च 2023, गुरूवारदशमी 06:39 AM तक उसके बाद एकादशीफाल्गुन, शुक्ल पक्षआर्द्रा
03 मार्च 2023, शुक्रवारएकादशी 09:11 AM तक उसके बाद द्वादशीफाल्गुन, शुक्ल पक्षपुष्य
08 मार्च 2023, बुधवारप्रतिपदा 07:42 PM तक उसके बाद द्वितीयाचैत्र, कृष्ण पक्षउत्तराफाल्गुनी
09 मार्च 2023, गुरूवारद्वितीया 08:54 PM तक उसके बाद तृतीयाचैत्र, कृष्ण पक्षहस्त
15 मार्च 2023, बुधवारअष्टमी 06:45 PM तक उसके बाद नवमीचैत्र, कृष्ण पक्षमूल
मार्च 2023 में वधू प्रवेश के शुभ मुहूर्त

मई 2023 में वधू प्रवेश के शुभ मुहूर्त

मई में वधू प्रवेश की तारीख और वारतिथिमाह और पक्षनक्षत्र
03 मई 2023, बुधवारत्रयोदशी 11:49 PM तक उसके बाद चतुर्दशीवैशाख, शुक्ल पक्षहस्त
06 मई 2023, शनिवारप्रतिपदा 09:52 PM तक उसके बाद द्वितीयाज्येष्ठ, कृष्ण पक्षअनुराधा
10 मई 2023, बुधवारपञ्चमी 01:49 PM तक उसके बाद षष्ठीज्येष्ठ, कृष्ण पक्षउत्तराषाढा
11 मई 2023, गुरूवारषष्ठी 11:27 AM तक उसके बाद सप्तमीज्येष्ठ, कृष्ण पक्षउत्तराषाढा 
12 मई 2023, शुक्रवारसप्तमी 09:06 AM तक उसके बाद अष्टमीज्येष्ठ, कृष्ण पक्षश्रवण 
मई 2023 में वधू प्रवेश के शुभ मुहूर्त

नवम्बर 2023 में वधू प्रवेश के शुभ मुहूर्त

नवम्बर में वधू प्रवेश की तारीख और वारतिथिमाह और पक्षनक्षत्र
22 नवंबर 2023, बुधवारदशमी 11:03 PM तक उसके बाद एकादशीकार्तिक, शुक्ल पक्षउत्तर भाद्रपद
23 नवंबर 2023, गुरूवारएकादशी 09:01 PM तक उसके बाद द्वादशीकार्तिक, शुक्ल पक्षउत्तर भाद्रपद
30 नवंबर 2023, गुरूवारतृतीया 02:24 PM तक उसके बाद चतुर्थीमार्गशीर्ष, कृष्ण पक्षपुनर्वसु
नवम्बर 2023 में वधू प्रवेश के शुभ मुहूर्त

दिसम्बर 2023 में वधू प्रवेश के शुभ मुहूर्त

दिसम्बर में वधू प्रवेश की तारीख और वारतिथिमाह और पक्षनक्षत्र
01 दिसम्बर 2023, शुक्रवारचतुर्थी 03:31 PM तक उसके बाद पञ्चमीमार्गशीर्ष, कृष्ण पक्षपुष्य
07 दिसम्बर 2023, गुरूवारदशमी 05:06 AM, Dec 08 तकमार्गशीर्ष, कृष्ण पक्षहस्त
08 दिसम्बर 2023, शुक्रवारएकादशी 06:31 AM, Dec 09 तकमार्गशीर्ष, कृष्ण पक्षहस्त
दिसम्बर 2023 में वधू प्रवेश के शुभ मुहूर्त

मुंडन एवं कर्णवेध मुहूर्त 2023 शुभ तिथियां नक्षत्र और वार

कोई भी काम यदि शुभ मुहूर्त में किया जाये तो उसका फल और भी बढ़ जाता है साथ ही वो काम भी कभी विफल नहीं होता है। साथ ही जो लोग अपने घर में कुछ भी करने से पहले शुभ मुहूर्त का ध्यान रखते हैं तो उस काम को सफल होने में मदद मिलती है। इसीलिए अधिकतर लोग जब भी कोई शुभ काम करते हैं तो वो शुभ मुहूर्त का खास ध्यान रखते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको सालभर में मुंडन एवं कर्णवेध मुहूर्त 2023 शुभ तिथियां नक्षत्र और वार कौन से हैं उसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

फरवरी 2023 में मुंडन व् कर्णवेध के शुभ मुहूर्त

मुंडन एवं कर्णवेध मुहूर्त की तारीख और वारतिथिमाह और पक्षनक्षत्र
03 फरवरी 2023, शुक्रवारत्रयोदशी 06:57 PM तक उसके बाद चतुर्दशीमाघ, शुक्ल पक्षपुनर्वसु 
10 फरवरी 2023, शुक्रवारचतुर्थी 07:58 AM तक उसके बाद पञ्चमीफाल्गुन, कृष्ण पक्षहस्त
15 फरवरी 2023, बुधवारनवमी 07:39 AM तक उसके बाद दशमी 05:32 AM, Feb 16 तकफाल्गुन, कृष्ण पक्षज्येष्ठा 
फरवरी 2023 में मुंडन व् कर्णवेध के शुभ मुहूर्त

मार्च 2023 में मुंडन व् कर्णवेध के शुभ मुहूर्त

मुंडन एवं कर्णवेध मुहूर्त की तारीख और वारतिथिमाह और पक्षनक्षत्र
02 मार्च 2023, गुरुवारदशमी 06:39 AM तक उसके बाद एकादशीफाल्गुन, शुक्ल पक्षआर्द्रा
03 मार्च 2023, शुक्रवारएकादशी 09:11 AM तक उसके बाद द्वादशीफाल्गुन, शुक्ल पक्षपुनर्वसु
मार्च 2023 में मुंडन व् कर्णवेध के शुभ मुहूर्त

मई 2023 में मुंडन व् कर्णवेध के शुभ मुहूर्त

मुंडन एवं कर्णवेध मुहूर्त की तारीख और वारतिथिमाह और पक्षनक्षत्र
03 मई 2023, बुधवारत्रयोदशी 11:49 PM तक उसके बाद चतुर्दशीवैशाख, शुक्ल पक्षहस्त
08 मई 2023, सोमवारतृतीया 06:18 PM तक उसके बाद चतुर्थीज्येष्ठ, कृष्ण पक्षज्येष्ठा 
12 मई 2023, शुक्रवारसप्तमी 09:06 AM तक उसके बाद अष्टमीज्येष्ठ, कृष्ण पक्षश्रवण
22 मई 2023, सोमवारतृतीया 11:18 PM तक उसके बाद चतुर्थीज्येष्ठ, शुक्ल पक्षमॄगशिरा
मई 2023 में मुंडन व् कर्णवेध के शुभ मुहूर्त
February 2022 Calendar

फरवरी 2022, पूर्णिमा अमावस्या एकादशी प्रदोष व्रत समेत अन्य व्रत त्यौहार

February 2022 Vrat Tyohar : February 2022 Purnima, February 2022 Amavasya, February 2022 Sankashti Chaturthi, Pradosh Vrat February 22, Kumbh Sankrati 2022 February Month Festivals and Calendar.

फरवरी 2022 में कुछ महत्वपूर्ण व्रत त्यौहार और तिथियां हिन्दू पंचांग के अनुसार, जानिए कब है पूर्णिमा फरवरी २०२२ में, अमावस्या फरवरी २०२२ में, संकष्टी चतुर्थी और प्रदोष व्रत की तिथि या तारीख फरवरी माघ महीने के।

वसंत पंचमी फरवरी 2022

बसंत पंचमी का पर्व फरवरी माह का महत्वपूर्ण पर्व है। सरस्वती देवी की पूजा और व्रत होगा जो 5 फरारती 2022 को मनाया जायेगा। ये माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है।

जया एकादशी फरवरी 2022

फरवरी महीने में जया एकादशी व्रत 12 फरवरी 2022 को मनाया जायेगा। एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. माघ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस एकादशी व्रत को रखने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

प्रदोष व्रत (शुक्लपक्ष) फरवरी 2022

फरवरी 2022 में प्रदोष व्रत की तिथि 13 फरवरी 2022 है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। भगवान् भोलेनाथ के लिए किया जाता है। इस व्रत की ये मान्यता है है की जो मनुष्य इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करेंगे उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं। जीवन खुशहाल होता है।

कुंभ संक्रांति फरवरी 2022

फरवरी महीने में इस समय सूर्य मकर राशि में विराजमान है। और जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे संक्रांति कहा जाता है। कुंभ संक्रांति 13 फरवरी को है। पंचांग के अनुसार 13 फरवरी को सूर्य मकर राशि से निकल कर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। यह संक्रांति धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन गंगा, यमुना, सरोवर, और और अन्य पुण्य नदियों सरोवर तालाव में स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है। पाप कष्ट से मुक्ति मिलती है। जीवन खुशहाल होता है।

माघ पूर्णिमा व्रत फरवरी 2022

इस महीने यानी फरवरी 2022 में माघ पूर्णिमा 16 फरवरी, 2022 को है। माघ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघी पूर्णिमा या माघ पूर्णिमा कहा जाता है। पुराणों और धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवता पृथ्वी पर आते हैं। माघ पूर्णिमा में स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है।

सत्यनारायण व्रत कथा और पूजा

फरवरी 2022 में सत्यनाराण व्रत और कथा की तिथि है माघ पूर्णिमा जो 16 फरवरी 2022 को है। सत्यनारायण व्रत कथा से घर में खुशियां और शांति आती है।

संकष्टी चतुर्थी फरवरी 2022

फरवरी महीने में संकष्टी चतुर्थी 20 फरवरी 2022 को होगा। संकष्टी चतुर्थी का पर्व फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन हस्त नक्षत्र रहेगा और चंद्रमा कन्या राशि में विराजमान रहेगा। संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से इनके अलग अलग फायदे मिलते हैं। जीवन में खुशियां आती है। हरेक काम में विलम्ब नहीं होता है। सफलता मिलती है।

विजया एकादशी फरवरी 2022

विजय एकदशी 27 फरवरी 2022 को होगा। विजया एकादशी फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष तिथि को मनाया जाता है और एकादशी का व्रत रखा जाता है। विजया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है।

प्रदोष व्रत (कृष्णपक्ष) फरवरी 2022

प्रदोष व्रत त्रयोदशी की तिथि को रखा जाता है। प्रदोष व्रत 28 फरवरी 2022 को है। प्रदोष व्रत शिव भक्तों का प्रिय व्रत है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ, माता पर्वती की विशेष पूजा की जाती है। फाल्गुन मास में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

फरवरी 2022 का पर्व त्यौहार की जानकारियां

जया एकादशी फरवरी 2022 में में कब है?

फरवरी महीने में जया एकादशी व्रत 12 फरवरी 2022 को मनाया जायेगा।

प्रदोष व्रत (शुक्लपक्ष) फरवरी 2022 कब है?

फरवरी 2022 में प्रदोष व्रत की तिथि 13 फरवरी 2022 है।

कुंभ संक्रांति फरवरी 2022 कब है?

जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे संक्रांति कहा जाता है। कुंभ संक्रांति 13 फरवरी 2022 को है।

माघ पूर्णिमा व्रत फरवरी 2022 में कब है?

इस महीने यानी फरवरी 2022 में माघ पूर्णिमा 16 फरवरी, 2022 को है

संकष्टी चतुर्थी फरवरी 2022 कब है? और कब मनाया जाता है?

फरवरी महीने में संकष्टी चतुर्थी 20 फरवरी 2022 को होगा। संकष्टी चतुर्थी का पर्व फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

विजया एकादशी फरवरी 2022 में कब है?

विजय एकदशी 27 फरवरी 2022 को होगा। विजया एकादशी फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष तिथि को मनाया जाता है और एकादशी का व्रत रखा जाता है। विजया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है।

प्रदोष व्रत (कृष्णपक्ष) फरवरी 2022 में कब है?

प्रदोष व्रत 28 फरवरी 2022 को है। प्रदोष व्रत शिव भक्तों का प्रिय व्रत है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ, माता पर्वती की विशेष पूजा की जाती है।

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27 जनवरी 2022 का पंचांग और मुहूर्त

Aaj Ka Panchang In Hindi, Today Panchang In Hindi, Online Hindi Panchang for 27 January 2022, Today Tithi 27 January 2022, Aaj ka Panchang, Aaj ka Muhurat, Aaj ka Shubh Samay, Shubh and Ashubh Muhurat, Auspicious time, Muhurat Timing, Choghadiya Muhurat for 27 January. किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त, शुभ समय, अशुभ समय का विशेष ध्यान रखा जाता है ताकि कार्य शुभ हो। अगर आप पंचांग देखकर शुभ कार्य को करते हैं तो आपका कार्य बिना किसी कठिनाई के संपन्न होगा और फलेगा, सफलता मिलेगी। 27 January 2022 panchang: आज का पंचांग कैसा है शुभ कार्य करने के लिए 27 January 2022, बृहस्पतिवार आज दिनांक 27 January 2022 तिथि, नक्षत्र, सूर्योदय, सूर्यास्त, शुभ समय कब से कब तक है, अशुभ समय कब है, राहु काल की जानकारियां, आज का पर्व त्यौहार जनवरी २७, २०२२ पंचांग और शुभ मुहूर्त की विस्तृत जानकारियां। बृहस्पतिवार, 27 जनवरी 2022 का पंचांग
वार बृहस्पतिवार, 27 जनवरी 2022
तिथि दशमी 02:16 AM, Jan 28 तक
नक्षत्र विशाखा 08:51 AM तक उसके बाद अनुराधा
पक्ष कृष्ण पक्ष
माह माघ
सूर्योदय 06:43 AM
सूर्यास्त 05:38 PM
चंद्रोदय 02:39 AMJan 28
चन्द्रास्त 12:42 PM
Auspicious Timings : आज का शुभ समय जिसमे शुभ मुहूर्त किया जा सकता है। आज दिनांक बृहस्पतिवार 27 जनवरी 2022 का शुभ टाइम। अगर कोई शुभ कार्य करने जा रहे हैं तो अभिजीत समय में करें। उसके बाद अन्य में कर सकते हैं जब अभिजीत का समय नहीं हो तो।
अभिजीत मुहूर्त 11:49 AM से 12:33 PM
अमृत काल मुहूर्त 09:30 PM से 10:59 PM
विजय मुहूर्त 02:00 PM से 02:44 PM
गोधूलि मुहूर्त 05:28 PM से 05:52 PM
सायाह्न संध्या मुहूर्त 05:38 PM से 06:57 PM
निशिता मुहूर्त 11:45 PM से 12:37 AM, Jan 28
ब्रह्म मुहूर्त 04:58 AM, Jan 28 से 05:51 AM, Jan 28
प्रातः संध्या 05:24 AM, Jan 28 से 06:43 AM, Jan 28
Inauspicious Timings : आज का अशुभ समय जिसमे शुभ कार्य नहीं किया जा सकता है। आज दिनांक बृहस्पतिवार 27 जनवरी 2022 का अशुभ समय।
दुष्टमुहूर्त 10:21:43 से 11:05:22 तक, 14:43:41 से 15:27:21 तक
कालवेला / अर्द्धयाम 16:11:01 से 16:54:41 तक
कुलिक
   10:21:43 से 11:05:22 तक
यमघण्ट 07:27:03 से 08:10:43 तक
कंटक 14:43:41 से 15:27:21 तक
यमगण्ड 06:43:24 से 08:05:16 तक
राहुकाल 13:32:44 से 14:54:36 तक
गुलिक काल 09:27:08 से 10:49:00 तक
भद्रा
03:28 PM से 02:16 AM, Jan 28
गण्ड मूल कोई नहीं है
विशेष मुहूर्त और योग :  कुछ शुभ मुहूर्त होते हैं जैसे सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, गुरुपुष्यामृत और रविपुष्यामृत योग। जब किसी कार्य को करना हो और मुहूर्त उस समय नहीं हो तो इन विशेष योग या महूर्त में शुभ कार्य किया जाता है। यदि सोमवार के दिन रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, अनुराधा तथा श्रवण नक्षत्र हो तो सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण होता है। शुभ मुहूर्तों में सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है- गुरु-पुष्य योग। यदि गुरुवार को चन्द्रमा पुष्य नक्षत्र में हो तो इससे पूर्ण सिद्धिदायक योग बन जाता है। जब चतुर्दशी सोमवार को और पूर्णिमा या अमावस्या मंगलवार को हो तो सिद्धिदायक मुहूर्त होता है। आज का शुभ योग जिसमे कोई भी मुहूर्त किया जा सकता है। ये योग बहुत ही शुभ होते है किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए। Shubh Muhurat – 27 January 2022
अभिजीत मुहूर्त 11:49 AM से 12:33 PM
सर्वार्थ सिद्धि योग 08:51 AM से 06:43 AM, Jan 28
अमृत सिध्दि योग कोई नहीं है
रवि योग
कोई नहीं है
द्विपुष्कर योग कोई नहीं है
त्रिपुष्कर योग कोई नहीं है
आज का व्रत / पर्व त्यौहार जनवरी २७, २०२२ हिंदू पंचांग और कैलेंडर के अनुसार कोई नहीं है
गृह प्रवेश मुहूर्त

गृह प्रवेश मुहूर्त 2021 – Griha Pravesh Dates in 2021

Griha Pravesh 2021, House warming muhurat date in 2021, Auspecious Griha Pravesh Date 2021, गृह प्रवेश मुहूर्त 2021, शुभ मुहूर्त नए घर में प्रवेश के लिए, गृहप्रवेश का शुभ मुहूर्त 2021, शुभ तिथियां गृह प्रवेश मुहूर्त के लिए

गृह प्रवेश 2021 का मुहूर्त हमेशा गृह स्वामी के नाम व् जन्मतिथि के अनुसार निकाला जाता है। ताकि घर में खुशियां रहे, गृह स्वामी पर कोई कष्ट नहीं आये, नए घर में बरकत हो। अगर आप भी गृह प्रवेश पूजा के लिए शुभ मुहूर्त निकलवाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए PAY NOW पर क्लिक कर अपने लिए शुभ मुहुर्त लें सकते हैं। सहयोग करने के लिए कृपया ₹251 का डोनेशन करें। मुहूर्त जल्द ही आपके ईमेल पर भेजा जाएगा। 

Auspecious House Warming muhurat in 2021 – शुभ मुहूर्त की तिथियां नए घर में प्रवेश करने के लिए

शुभ तिथि डॉट कॉम आपको बधाई देता है, आपके नव गृह में प्रवेश के लिए। आपके लिए हिन्दू पंचांग के अनुसार (Griha Prvesh as per Hindu Panchang for 2021 Dates) वो सभी तिथियां बता रहे हैं जो नव गृह के लिए शुभ है।

आपको मुहूर्त से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना है जैसे की आप पुराने मकान को फिर से बना कर गृह प्रवेश कर रहे हैं या नए प्लाट पर बना कर या नया मकान – फ्लैट खरीद कर गृह प्रवेश कर रहे हैं। दोनों मुहूर्त में फर्क होता है। पुराने मकान के जगह पर नया मकान या फिर से बदलाव कर रहे हैं उन्हें जीर्ण गृह प्रवेश (Jirna Griha Prvesh) कहते हैं। नए प्लाट पर बनाकर या नया मकान या फ्लैट ख़रीदे हैं, तो उन्हें गृह प्रवेश (New House Warming) कहते हैं।

नए घर में जाने से पहले आपको एक शुभ मुहूर्त जो आपके अनुसार होने चाहिए। यानी आपके नाम राशि के अनुसार। क्यों की हरेक इंसान के लिए अलग अलग मुहूर्त होता है। ऐसा नहीं है एक मुहूर्त हरेक व्यक्ति के लिए शुभ है।

उसके बाद मुहूर्त का अपना चक्र होता है। कभी भी मुहूर्त नहीं किया जाता है। 95 प्रतिशत लोग वैसे तिथि में मुहूर्त करते हैं जो सही में मुहूर्त नहीं होता है। या तो वो किसी योग में कर लेते है या कोई अच्छा दिन देखकर। पर अगर आप सही मुहूर्त (As per Muhurth chakr of Griaha Pravesh Tithi) में गृह प्रवेश करते है तो आपको खुशियां, सफलता, रोग मुक्त, भय मुक्त, शांति और बरकत मिलती है। आपके परिवार में खुशियां आती है। अगली पीढ़ी के लिए शुभ होता है।

अगर आप चाहते है आपके लिए मुहूर्त निकाल कर भेजें (Online Muhurat) जो आपके नाम के अनुसार, राशि के अनुसार और मुहूर्त चक्र के अनुसार गृह प्रवेश हो तो कृपया फॉर्म भरें। 24 घंटे के अंदर मुहूर्त भेजा जायेगा।

2021 के लिए गृह प्रवेश मुहूर्त की तिथियां

April 2021 Griha Pravesh Muhurat Date

29 अप्रैल 2021 गुरुवार तृतीया तिथि, कृष्ण पक्ष, वैशाख अनुराधा

May 2021 Griha Pravesh Muhurat Date

3 मई 2021 सोमवार सप्तमी तिथि, कृष्ण पक्ष, वैशाख उत्तरषाढा
8 मई 2021 शनिवार द्वादशी तिथि, कृष्ण पक्ष, वैशाख उत्तरभाद्रपद
13 मई 2021 गुरुवार द्वितीया तिथि, शुक्ल पक्ष, वैशाख रोहिणी
15 मई 2021 शनिवार तृतीया तिथि, शुक्ल पक्ष, वैशाख मृगशिरा
22 मई 2021 शनिवार दशमी तिथि, शुक्ल पक्ष, वैशाख उत्तराफाल्गुनी
26 मई 2021 बुधवार पूर्णिमा तिथि, शुक्ल पक्ष, वैशाख अनुराधा

June 2021 Griha Pravesh Muhurat Date

2 जून 2021 बुधवार अष्टमी तिथि, कृष्ण पक्ष, ज्येष्ठ शतभिषा
4 जून 2021 शुक्रवार दशमी तिथि, कृष्ण पक्ष, ज्येष्ठ उत्तरभाद्रपद
5 जून 2021 शनिवार एकादशी तिथि, कृष्ण पक्ष, ज्येष्ठ रेवती
11 जून 2021 शुक्रवार प्रतिपदा तिथि, शुक्ल पक्ष, ज्येष्ठ मृगशिरा
26 जून 2021 शनिवार द्वितीया तिथि, कृष्ण पक्ष, आषाढ़ उत्तरषाढा

July 2021 Griha Pravesh Muhurat Date

1 जुलाई 2021 गुरुवार सप्तमी तिथि, कृष्ण पक्ष, आषाढ़ उत्तरभाद्रपद
2 जुलाई 2021 शुक्रवार अष्टमी तिथि, कृष्ण पक्ष, आषाढ़ रेवती
7 जुलाई 2021 बुधवार त्रयोदशी तिथि, कृष्ण पक्ष, आषाढ़ रोहिणी
14 जुलाई 2021  गुरुवार पंचमी तिथि, शुक्ल पक्ष, आषाढ़ उत्तराफाल्गुनी

गृह प्रवेश 2021 का मुहूर्त हमेशा गृह स्वामी के नाम व् जन्मतिथि के अनुसार निकाला जाता है। ताकि घर में खुशियां रहे, गृह स्वामी पर कोई कष्ट नहीं आये, नए घर में बरकत हो। अगर आप भी गृह प्रवेश पूजा के लिए शुभ मुहूर्त निकलवाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए PAY NOW पर क्लिक कर अपने लिए शुभ मुहुर्त लें सकते हैं। सहयोग करने के लिए कृपया ₹251 का डोनेशन करें। मुहूर्त जल्द ही आपके ईमेल पर भेजा जाएगा। 

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Shradh-2020

श्राद्ध 2020 कब हैं?

Shradh 2020, हिन्दू धर्म में श्राद्ध यानी पितृ पक्ष को बहुत ही मत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। ऐसा माना जाता है की इस दौरान हमारे पूर्वज धरती पर होते हैं और यदि हम श्राद्ध को पूरे भाव करते हैं तो हमे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही ऐसा भी माना जाता है की यदि कोई व्यक्ति अपने अपने पितरों का पूर्वजों का विधिपूर्वक श्राद्ध व् तर्पण नहीं करते हैं।

तो उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती है और वो इसी लोक में भटकते रहते हैं। इसीलिए अपने पूर्वजों की शांति के लिए श्राद्ध करना बहुत जरुरी माना जाता है। हमारे देश में बुजुर्गों को भगवान के बराबर का स्थान दिया जाता है इसीलिए उनके मरने के बाद भी उनका श्राद्ध कर्म किया जाता है।

इसके अलावा पितृ दोष कुंडली के भी सबसे जटिल दोषों में एक माना जाता है। इसीलिए ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार देवताओं को खुश करने, उनकी आराधना करने, उन्हें प्रसन्न करने से पहले मनुष्य को अपने पितरों यानि पूर्वजों को प्रसन्न करना चाहिए। ताकि उन्हें जटिल दोषों से बचे रहने में मदद मिल सके।

हर वर्ष पितृ पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक होते हैं। इन दिनों में दान धर्म करने का, पंडितों को भोजन कराने, गरीबों की मदद करने का बहुत महत्व होता है। तो आइये अब जानते हैं की 2020 में श्राद्ध कब से कब तक हैं और श्राद्ध करने की क्या विधि होती है।

किस दिन करना चाहिए पूर्वजों का श्राद्ध?

वैसे तो हर महीने अमावस्या आती है और प्रत्येक मास की अमावस्या को पितरों की शांति श्राद्ध कर्म या पिंड दान किए जा सकते हैं लेकिन पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का महत्व सबसे अधिक माना जाता है। पितृ पक्ष में आप किस दिन पूर्वज़ों का श्राद्ध करें इसके लिये जिस दिन आपके पूर्वज़, पितर या परिवार के मृत सदस्य के मृत्यु की तिथि याद हो तो पितृपक्ष में पड़ने वाली उसी तिथि को ही उनका श्राद्ध करना चाहिए।

लेकिन यदि आपको तिथि याद न हो तो आश्विन मास की अमावस्या को श्राद्ध किया जा सकता है इसीलिए इसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है। साथ ही समय से पहले यानि यदि किसी की किसी दुर्घटना या सुसाइड आदि से अकाल मृत्यु हुई हो तो उनका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। इसके अलावा पिता के श्राद्ध के लिए अष्टमी तो माता के श्राद्ध के लिए नवमी की तिथि को सबसे उपयुक्त माना जाता है।

श्राद्ध करने की विधि

  • श्राद्ध कर्म के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़ स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • उसके बाद बाद अपने पितरों का पसंदीदा भोजन बनाएं।
  • फिर अपने भांजे, ब्राह्मण, को भोजन कराकर उन्हें वस्त्र और दक्षिणा दें।
  • साथ ही कौवों को भी भोजन जरूर करवाएं, क्योंकि पितृ पक्ष में कौवों को पितृ का रूप माना जाता है।

पितृ पक्ष 2020 (Shradh 2020) तिथि प्रारंभ

2020 में पितृ पक्ष प्रारंभ तिथि: 1 सितंबर 2020 (पूर्णिमा श्राद्ध) से लेकर

पितृ पक्ष समाप्ति तिथि:17 सितंबर 2020 (सर्वपितृ अमावस्या) तक

तो यह है श्राद्ध 2020 से जुडी सम्पूर्ण जाकारी, अब आप जिस दिन अपने पितरो का श्राद्ध करते हैं उस दिन पूरे श्रद्धा से दान करें ताकि आपके पूर्वजों का आशीर्वाद हमेशा आप पर बना रहें।

Shradh 2020, Pitru Paksha 2020

Diwali-2020

दीपावली 2020 कब है? शुभ मुहूर्त

Diwali 2020, हिन्दू धर्म में त्यौहारों को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। और हर एक त्यौहार की एक अलग ही धूम, एक अलग ही मज़ा, एक अलग की महत्व होता है। साथ ही हर एक त्यौहार के साथ कोई न कोई पुरानी कहानी या इतिहास भी जुड़ा होता है। ऐसे ही दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है।

लोग अपने घर, दूकान आदि में लक्ष्मी पूजा जरूर करते हैं। और साल भर में आने वाले त्यौहारों में दीपावली को सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। क्योंकि यह लगातार पांच दिनों तक चलता है। धनतेरस, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाईदूज यह त्यौहार लगातार आते हैं। और हर एक दिन चारों और खूब धूम देखने को मिलती है।

दीपावली का त्यौहार अन्धकार पर प्रकाश की विजय, झूठ पर सत्य की विजय, बुराई पर अच्छाई की वजह का प्रतिक माना जाता है। दीपावली के आने से बहुत दिनों पहले ही बाज़ारों की रौनक बढ़ जाती है। 2020 में भी दीपावली आने में कुछ ही समय रह गया है। तो आइये अब जानते हैं की २०२० में दीपावली कब है और लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त कौन सा है।

कब मनाई जाती है दीवाली ?

दीपावली का त्यौहार रौशनी का प्रतिक होता है और यह हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस त्यौहार पर सभी लोग अपने घरों में दिए जलाकर प्रकाश को फैलातें हैं। और दीयों की रौशनी से सभी जगह जगमगा उठती है।

क्यों मनाई जाती है दीपावली ?

श्री रामचंद्र जी सीता माता को रावण से छुड़ाकर और अपना वनवास पूरा करके जब अयोध्या लौटें थे। तब अच्छाई की बुराई पर जीत और रामचंद्र के अयोध्या वापिस आगमन पर अयोध्या वासियों ने दीयों की रौशनी से अयोध्या की चकाचौंध को बढ़ा दिया था। इसीलिए दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।

2020 में दीपावली कब है? पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali 2020 Lakshmi puja Shubh Muhurat)

दीपावली 2020 में 14 नवंबर दिन शनिवार को है।

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम को 5 बजकर 28 मिनट से लेकर 7 बजकर 23 मिनट तक है (17:28 से 19:23)

कुल शुभ मुहूर्त अवधि :2 घंटे 5 मिनट

प्रदोष काल: 17:23 से 20:04

वृषभ काल: 17:28 से 19:23

अमावस्या तिथि आरंभ: 14:17 (14 नवंबर) से लेकर

अमावस्या तिथि समाप्त: 10:36 (15 नवंबर) तक

तो यह है दीपावली 2020 से जुडी सम्पूर्ण जानकारी, की 2020 में दीपवकी कब है, क्यों मनाई जाती है और किस समय लक्ष्मी पूजा करने का सबसे शुभ मुहूर्त है।

Diwali 2020, Lakshmi puja Shubh Muhurat

Fast for unmarried girls

कुंवारी लड़कियों को कौन-कौन से व्रत करने चाहिए

Fast for unmarried girls, शादी के बाद से ही लडकियां व्रत करना शुरू नहीं करती है बल्कि शादी से पहले भी लडकियां व्रत कर सकती है। यह व्रत कुँवारी लडकियां अपनी किसी भी मनोइच्छा को लेकर कर सकती है। जैसे की वो पढाई में अच्छी रहें, जिंदगी में उन्हें कामयाबी हासिल हो या फिर जिन कुँवारी लड़कियों की शादी में परेशानियां आ रही होती है वो शादी की इच्छा को लेकर व्रत करती हैं। ऐसा नहीं है की कुंवारी लड़कियों के लिए व्रत रखने का कोई अलग से नियम है। बस जो सुहागन स्त्रियों के लिए व्रत होते हैं उनमे थोड़ा से अलग नियम हो सकते हैं। तो आइये अब जानते हैं की कुँवारी लडकियां कौन कौन से व्रत रखती है।

कुंवारी लड़कियों के लिए व्रत सोमवार का व्रत (Monday Fast)

सोमवार का व्रत भोलेबाबा और माँ पार्वती के लिए होता है यदि कोई लड़की किसी भी कामना को लेकर इस व्रत को रखती है तो ऐसा माना जाता है की भोलेबाबा उनके मन की इच्छा को जरूर पूर्ण करते हैं। खासकर जो कुँवारी लडकियां मनचाहा वर पाने की इच्छा रखती है उन्हें सोमवार का व्रत रखने की सलाह दी जाती है।

शुक्रवार का व्रत (Friday Fast)

कुँवारी लडकियां शुक्रवार का व्रत भी रख सकती हैं इस व्रत को माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। इस व्रत को भी अपनी किसी भी मन की इच्छा को लेकर लडकियां रख सकती है। पूरे श्रद्धा भाव से व्रत रखने पर माँ लक्ष्मी मन की इच्छा जरूर पूरी करती है।

वीरवार का व्रत (Thursday Fast)

वीरवार का व्रत माँ लक्ष्मी और विष्णु भगवान के लिए रखा जाता है। यह व्रत भी कुँवारी लड़कियों के लिए बहुत उत्तम माना जाता है। खासकर जिन लड़कियों की शादी में अड़चन आ रही हो तो ऐसा माना जाता है की इस व्रत को रखने से शादी के मार्ग में आ रही रुकावटों को दूर करने में मदद मिलती है।

Fast for unmarried girls करवा चौथ का व्रत (Karva chauth)

जरुरी नहीं है की करवाचौथ का व्रत केवल शादीशुदा महिलाएं ही रख सकती है। बल्कि यह व्रत कुँवारी लडकियां भी रख सकती है। ऐसा माना जाता है की शादी से पहले करवाचौथ का व्रत रखने से लड़कियों को उनका मनचाहा वर पाने में मदद मिलती है।

हरतालिका तीज (Hartalika Teej)

हरतालिका तीज का व्रत भी पति की लम्बी उम्र के लिए सुहागन महिलाएं रखती है। और सुहागन महिलाओं के साथ कुँवारी लडकियां भी इस व्रत को कर सकती हैं। यह व्रत लडकियां अपने मनचाहे वर पाने की इच्छा को लेकर रख सकती हैं।

नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat)

नवरात्रि का व्रत कोई भी महिला, पुरुष, बच्चा, बुजुर्ग कर सकता है क्योंकि इसमें किसी तरह की बाधा नहीं होती है। ऐसे में कुँवारी लडकियां चाहे तो नवरात्रि का व्रत कर सकती है। आप चाहे तो किसी मन की इच्छा को लेकर या वैसे भी व्रत को रख सकती है क्योंकि नवरात्रि का व्रत रखना बहुत फलदाई होता है।

तो यह हैं कुछ व्रत जो कुंवारी लडकियां कर सकती हैं, यदि आप भी कुँवारी है तो आप भी इन व्रत को कर सकती है। इन व्रतों को रखने में किसी तरह की पाबंदी नहीं होती है। आप चाहे तो अपने मन की इच्छा को लेकर या वैसे भी इन व्रत को कर सकती है।

Fast for unmarried girls