2022 सावन के महीने में अमावस्या और पूर्णिमा कब है?
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या दोनों का ही बहुत महत्व होता है। हर एक महीने में एक बार ही अमावस्या आती है और एक ही बार पूर्णिमा आती है। पूर्णिमा की रात आपको पूरा चाँद दिखाई देता है और चारों को चन्द्रमा का प्रकाश दिखाई देता है। वहीँ अमावस्या के दिन आपको चाँद दिखाई नहीं देता है। साथ ही सावन की पूर्णिमा और अमावस्या दोनों ही बहुत खास होती है। इसके अलावा अमावस्या और पूर्णिमा दोनों ही दिनों में दान धर्म करने का बहुत ही महत्व भी होता है। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको सावन यानी की श्रावण महीने में आने वाली पूर्णिमा और अमावस्या कब है उसके बारे में बताने जा रहे हैं।
श्रावण पूर्णिमा 2022 कब है?
सावन के महीने में पूर्णिमा 12 अगस्त 2022 दिन शुक्रवार को है। और श्रावण पूर्णिमा की शुरुआत अगस्त 11, 2022 दिन गुरूवार को 10:39 से होगी और पूर्णिमा तिथि का समापन अगस्त 12, 2022 दिन शुक्रवार को 07:06 पर होगा।
सावन पूर्णिमा का महत्व और धार्मिक कर्म
श्रावण पूर्णिमा को श्रावणी पूर्णिमा, कजरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। तो आइये अब सावन पूर्णिमा का महत्व और इस दौरान कौन कौन से धार्मिक काम करने चाहिए उसके बारे में जानते हैं।
- सावन महीने में आने वाली पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पावन त्यौहार मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई बहन के प्यार का प्रतिक होता है।
- इस दिन गाय को चारा, चीटियों और मछलियों को आटा व दाने डालने चाहिए।
- श्रावण पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का प्रकाश चारों को फ़ैल जाता है क्योंकि इस दिन चन्द्रमा अपनी पूर्ण कलाओं में होता है साथ ही ऐसा माना जाता है की इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्रदोष से मुक्ति मिलती है। ऐसे में जो भी चंद्रदोष के कारण पीड़ित होते हैं उन्हें इस दिन चन्द्रमा की पूजा जरूर करनी चाहिए साथ ही आप चाहे तो पूर्णिमा का व्रत भी कर सकते हैं।
- इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करना भी बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है की इस दिन विष्णु लक्ष्मी के दर्शन से सुख, धन और समृद्धि कि प्राप्ति होती है।
- श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा करने का भी बहुत अधिक महत्व होता है इसीलिए इस दिन भोलेबाबा की विशेष रूप से आराधना की जाती है साथ ही पूर्णिमा के दिन भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करना चाहिए।
श्रावण महीने में अमावस्या कब है?
सावन के महीने में अमावस्या 28 जुलाई 2022 दिन गुरूवार को है। श्रावण माह की अमावस्या तिथि 27 जुलाई 2022 दिन बुधवार को रात के समय 09 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 28 जुलाई 2022 दिन गुरूवार रात 11 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी।
श्रावण महीने में अमावस्या का महत्व
- सावन के महीने में आने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन वृक्षारोपण का बहुत अधिक महत्व होता है।
- अमावस्या के दिन सुबह समय से उठकर किसी नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए यदि घर के आस पास कोई नदी या तालाब नहीं है तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर नहाना चाहिए।
- इसके बाद आपको मंदिर में जाकर भोलेबाबा व् माँ पार्वती की पूजा करनी चाहिए उसके बाद भोलेबाबा का पंचामृत से स्नान करना चाहिए और माँ पार्वती को श्रृंगार चढ़ाना चाहिए।
- अमावस्या के दिन आपको किसी जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए और दान धर्म का काम करना चाहिए।
- हरियाली अमावस्या पर्यावरण को दर्शाती है इसीलिए इस दिन कृषि उपकरणों की भी पूजा की जाती है।
तो यह है सावन महीने में आने वाली पूर्णिमा व् अमावस्या से जुडी जानकारी, यदि आप भी सावन की पूर्णिमा या अमावस्या का व्रत करते हैं या दान धर्म का काम करते हैं तो आपको भी अमावस्या व् पूर्णिमा से जुडी जानकारी ऊपर बताई गई है।
Shravan Purnima 2022, Shravan Amavasya 2022